दुर्ग

‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
दुर्ग, 22 अप्रैल। कलेक्टर अभिजीत सिंह के निर्देशानुसार, जिला कार्यक्रम अधिकारी एवं जिला महिला एवं बाल विकास अधिकारी के मार्गदर्शन में विगत दिन बेटी बचाव बेटी पढ़ाओ एंव बाल विवाह के रोकथाम एवं एक युद्ध नशे के विरूद्ध जागरूकता कार्यक्रम व रैलियों का आयोजन किया गया।
जिला-दुर्ग शहरी परियोजना के अंतर्गत उरला अटल आवास दुर्ग में आयोजित कार्यकम में पोषण पखवाड़ा आंगनबाड़ी कार्यकर्ता, जनप्रतिनिधि एवं महिलाओं व बालिकाओं को महिला एवं बाल विकास विभाग दुर्ग में पदस्थ सीता कनौजे एवं चाईल्ड हेल्प लाईन 1098 से आशीष साहू, चन्द्रप्रकाश पटेल द्वारा मिक्षावृत्ति, बाल विवाह रोकथाम, दत्तक ग्रहण, फास्टर केयर, लैंगिक अपराधों से बालकों का संरक्षण अधिनियम 2012 की विस्तृत जानकारी दी गयी।
कार्यक्रम में बताया गया कि बाल विवाह प्रतिषेध अधिनियम 2006 के तहत 21 वर्ष से कम आयु के लडक़े और 18 वर्ष से कम आयु की लडक़ी के विवाह को प्रतिबंधित करता है। अगर कोई 21 वर्ष से कम आयु के लडक़े 18 वर्ष से कम आयु की किसी बालिका से विवाह करता या कराता है तो उसे 2 वर्ष तक के कठोर कारावास अथवा जुर्माना जो कि 1 लाख रूपए तक हो सकता है अथवा दोनों से दण्डित किया जा सकता है। कोई व्यक्ति जो बाल विवाह करवाता है, करता है अथवा उसकी सहायता करता है, उन्हें दण्डित किया जा सकता है तथा कोई व्यक्ति जो बाल विवाह को बढ़ावा अथवा जानबूझकर उसकी अनुमति देता है, बाल विवाह में सम्मिलित होता है तो उसे भी दण्डित किया जा सकता है। बाल विवाह को विमर्श में लेकर उन कारणों को पूर्णत: समाप्तकर एक सकारात्मक वातावरण तैयार किया जाना आवश्यक है। बाल विवाह की सूचना व जानकारी प्राप्त होने पर 1098 चाईल्ड हेल्प लाईन दुर्ग में संपर्क कर सकते है।