दुर्ग

‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
उतई, 21 अप्रैल। पोषण पखवाड़ा 8 से 22 तक किया जा रहा है जिसके तहत ग्राम डुन्डेरा में संचालित आंगनबाड़ी केन्द्रों में भी पोषणा पखवाड़ा का आयोजन किया गया जिसका उद्देश्य बच्चों और महिलाओं में कुपोषण को दूर करना और पोषण संबंधी सुधारों पर जागरूकता लाना है।
इस दौरान डॉ.विजेयता वर्मा आयुर्वेद चिकित्सा अधिकारी, आयुष्मान आरोग्य मंदिर आयुष डुंडेरा ने पोषण पखवाड़े की मुख्य थीम जीवन के प्रथम 1000 दिवस पर आंगनवाड़ी केंद्र में अपना व्याख्यान प्रस्तुत किया । उन्होंने बताया जैसे-जैसे बच्?चा बड़ा होता है, उसकी पोषण की जरूरत बढ़ती जाती है। हेल्दी डाइट लेने से बच्चे को एनर्जी मिलती है, हड्डियां और दांत मजबूत बनते हैं, मानसिक स्वास्थ्य बेहतर रहता है, वजन संतुलित रहता है और दीर्घकालिक बीमारियों से बचाव मिलता है। साथ ही बताया कि जब बच्चा कम उम्र से ही खराब डाइट लेता है, तो इसकी वजह से उसके अंदर जरूरी विटामिनों और पोषक तत्वों जैसे कि विटामिन ए की कमी हो सकती है। इससे बच्चों की इम्युनिटी कमजोर हो जाती है। उनकी आंखों की रोशनी कमजोर हो सकती है और दस्त जैसी आम बीमारियों से मृत्यु हो सकती है। जिसके लिए चिकित्सक डॉ वर्मा ने आयुर्वेदिक दिनचर्या, आयुर्वेदिक आहार विहार, तथा आयुर्वेदिक तरिके से बच्चों के रोगों को दूर करने के तरीके बताये साथ ही बच्चों को स्वर्ण प्राशन एवं अन्न प्राशन कराया गया साथ ही गोदभराई का कार्यक्रम भी हुआ।
उन्होंने कहा कि स्वर्ण प्राशन संस्कार आयुर्वेद चिकित्सा की वह धरोहर है जो बच्चों की शारीरिक एवं मानसिक गति में अच्छा सुधार करता है। यह बहुत ही प्रभावशाली और इम्युनिटी बूस्टर होता है, जो बच्चों में रोगों से लडऩे की क्षमता पैदा करता है।
इस दौरान आंगनबाड़ी कार्यकर्ता सुनीता देवांगन ने आंगनबाड़ी केन्द्रों में सुपरवाईजर शिल्पा श्रीवास्तव के मार्गदर्शन दिए जाने वाले पोषण आहार और इस संबंध संचालित गतिविधियों की जानकारी दी एनएम ललिता चौधरी ने बच्चों व गर्भवती महिलाओं को लगने वाले टीके की जानकारी दी कार्यक्रम में आंगनबाड़ी कार्यकर्ता बीना यादव एवं अन्नपूर्णा कौशिक, सहायिका हुलसी साहू, हेमलता साहू , दिलेश्वरी साहू, तुलसी यादव सहित आंगनबाड़ी केन्द्रों से लाभार्थी हितग्राही बड़ी संख्या में मौजूद थे