दुर्ग

‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
दुर्ग, 18 सितंबर। जिले के शिवनाथ एवं आमनेर नदी में पिछले दिनों आई बाढ़ से 801.5 हेक्टेयर की धान, अरहर, सोयबीन, उड़द एवं मूंग फसल को क्षति पहुंची है मगर इससे प्रभावित किसानों को मुआवजा नहीं मिल पाएगा। कृषि विभाग के अनुसार 26 प्रतिशत से अधिक नुकसान किसी भी फसल को नहीं हुआ है जबकि 33 प्रतिशत से अधिक नुकसान की स्थिति में ही मुआवजा मिलती है।
कृषि विभाग के अधिकारियों के अनुसार जिले के धमधा विकासखंड अंतर्गत बाढ़ से उड़द के 31 हेक्टेयर की फसल प्रभावित हुई उक्त फसल को 26 प्रतिशत तक क्षति पहुंची है। मूंग 28.50 हेक्टेयर की फसल को 22 प्रतिशत क्षति पहुंची है।
वहीं सोयाबीन 32 हेक्टेयर की फसल को 2.15 प्रतिशत अरहर के 64 हेक्टेयर की फसल को 8.2 प्रतिशत एवं धान के 677 हेक्टेयर में लगी फसल 1.3 प्रतिशत ही नुकसान पहुंचा।
उपसंचालक कृषि संदीप कुमार भोई का कहना है कि सर्वे रिपार्ट के अनुसार दुर्ग एवं पाटन विकासखंड फसल को किसी प्रकार की क्षति नहीं हुई सिर्फ धमधा क्षेत्र में फसलों को क्षति हुई है। 33 प्रतिशत या इससे अधिक क्षति की स्थिति ही आरबीसी 6/4 के तहत मुआवजा मिलता है। फसल बीमा का लाभ फसल कटाई प्रयोग के आधार पर दिया जाता है।
उद्यानिकी विभाग के अधिकारियों का कहना है कि उद्यानिकी फसलों को बाढ़ से हुए नुकसान का आंकलन के लिए सर्वे जारी है। अब तक नजरी आंकलन अनुसार दुर्ग विकासखंड में 69 किसानों के 49 हेक्टेयर में लगी बैगन, बरबट्टी, कुंदरु, गोभी, करेला, केला, मिर्च, टमाटर, परवल, गलका, लौकी आदि की फसल को क्षति पहुंची है। धमधा विकासखंड में कुछ ग्रामों का ही नजरी आंकलन आया। इसमें 61 किसानों के 15 हेक्टेयर में लगी विभिन्न प्रकार के उद्यानिकी फसलों को नुकसान हुआ है। पाटन में किसी प्रकार का नुकसान नहीं हुआ है।
विभागीय अधिकारियों का कहना है कि फील्ड में जाकर वास्तविक नुकसान का आंकलन किया जा रहा है, जिसकी रिपोर्ट आने पर ही फसलों को कितने प्रतिशत क्षति पहुंची है यह स्पष्ट हो पाएगा। वहीं धमधा विकासखंड के ग्राम तुमाखुर्द के किसान चोवाराम पटेल का कहना है कि बाढ़ की पानी में डूबी कई किसानों के खेतों में लगी धान की फसल पूरा बर्बाद हो गया। ग्राम के समलिया निषाद के 1 एकड़ में लगी धान फसल पूरी तरह चौपट हो गया। ऐसे ही नदी तट से लगी ग्राम के अनेक किसानों के फसलों की ऐसी ही स्थिति है।