दुर्ग

‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
कुम्हारी, 31 जुलाई। निकटवर्ती ग्राम कुगदा के पास रेल्वे फाटक मरम्मत के लिए पिछले सप्ताह भर से बंद कर दिया गया है जिससे लोगों को आने जाने में बेहद तकलीफ हो रही है।
ज्ञात हो कि विगत 24 जुलाई से यहां मरम्मत का काम चल रहा है और सूचना के मुताबिक 27 जुलाई की रात 8 बजे इसे पूर्ण कर आवाजाही सामान्य करने की सूचना दी गई थी, लेकिन अबतक यह कार्यपूर्ण नहीं हो पाया है।
ग्राम कुगदा निवासी पूर्व ब्लॉक कॉंग्रेस अध्यक्ष रोहित कुर्रे ने इस बात पर नाराजगी जताते हुए कहा है कि रोज सैकड़ों की तादाद में गांव के लोग रोजगार एवं पढ़ाई के लिए बच्चे कुम्हारी स्कूल जाते हैं मार्ग के बाधित हो जाने से लोगों को परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। लोग जान जोखिम में डालकर रेल पटरी पार कर रहे हैं।
ज्ञात हो कि ग्राम कुगदा के लिए कुम्हारी ही मुख्य बाजार है और बच्चों के लिए स्कूल कॉलेज भी इसी रास्ते जाना पड़ता है। रेल्वे के इस मरम्मत कार्य में विलंब के चलते आमजनों को बेहद परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है, उन्हें कुम्हारी आने के लिए ग्राम उरला से होकर मुख्य मार्ग से होते हुए जाना पड़ रहा है, जो कि बच्चों और और बुजुर्गों के लिए परेशानी का कारण है, साथ ही पैदल और सायकल सवार जान जोखिम में डालकर पटरी पार कर रहे हैं।
रेल्वे द्वारा 27 तारीख तक कार्य समाप्त कर रास्ता खोलने की सूचना दी गई थी जो कि सप्ताह भर बीत जाने के बाद भी अबतक कार्य पूर्ण नहीं हो पाया है। वहीं रेल्वे के सूत्रों से प्राप्त जानकारी के मुताबिक अभी कुछ दिन और लोगों को इस समस्या से जूझना पड़ेगा क्योंकि बालोद में भी मरम्मत कार्य चल रहा है और कर्मचारी वहां कार्य मे लगे हुए हैं। ऐसी स्थिति में यह कह पाना मुश्किल है कि यह मरम्मत कार्य कबतक पूर्ण होगा वहीं उरला मार्ग से आवागमन में भी इस बारिश के मौसम में लोगों को तकलीफ है, क्योंकि वहां अधिक बारिश में अंडरब्रिज में पानी भर जाता है जिससे पैदल और मोटर सायकल वालों को बहुत दिक्कत होती है ऐसे में कुगदा के इस फाटक के बंद हो जाने से आम जनजीवन अस्त व्यस्त हो गया है, वहीं इस समस्या से ग्रामीणों में भी बेहद नाराजगी देखी जा रही है।
रोहित कुर्रे ने कहा है कि ग्रामीणों की परेशानी को देखते हुए प्राथमिकता के आधार पर शीघ्र ही इस कार्य को पूर्ण कर आवाजाही को सामान्य करें, क्योंकि जो स्थिति अभी निर्मित है ऐसी स्थिति में कोई भी अप्रिय घटना घट सकती है ऐसे में इसका जिम्मेदार कौन होगा?