दुर्ग

विपक्ष ने आवाज दबाने का लगाया आरोप, वाकआउट
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
दुर्ग, 12 जुलाई। जिला पंचायत में भाजपा की सत्ता में आने के बाद से सामान्य सभा बैठक में मीडिया के प्रवेश पर रोक लगा दी गई है। विपक्षी सदस्यों ने बैठक में उठाए जाने वाले भ्रष्टाचार के मुद्दों व विपक्षी सदस्यों का आवाज दबाने के लिए ऐसा करने आरोप लगाया है। इसे लेकर बिफरे विपक्षी सदस्यों ने सामान्य सभा बैठक का बहिष्कार करते हुए वाकआऊट कर दिया।
जानकारी के अनुसार सामान्य सभा के दौरान सदस्यों ने मीडिया को सामान्य सभा के कार्यवाही की रिपोर्टिंग के लिए अनुमति देने की मांग रखी। इसमें सत्ता पक्ष के सदस्य जितेन्द्र साहू ने भी सहमति दी मगर जिला पंचायत सीईओ ने मना कर दिया। इस पर विपक्षी सदस्य बैठक का बहिष्कार कर सभाकक्ष से बाहर आ गए। इस दौरान मौजूद विधायक ललित चंद्राकर व डोमन लाल कोर्सेवाड़ा एवं अध्यक्ष सरस्वती बंजारे भी देखते रह गए। वाकआउट कर बाहर आने के बाद मीडिया से चर्चा करते हुए पाटन विधायक प्रतिनिधि के रूप बैठक में मौजूद रहे। अशोक साहू ने कहा हर सदस्य लगभग 50 हजार मतदाता के बीच से चुनकर आते हैं मगर जब से भाजपा आई है जिला पंचायत अध्यक्ष, भाजपा के विधायक एवं जिला पंचायत सीईओ से निवेदन करने के बाद भी मीडिया को कवरेज के लिए सामान्य सभा में आने की अनुमति नहीं दी जा रही है।
उन्होंने कहा धरातल पर कुछ काम नहीं हुआ है सब हवा हवाई चल रहा है इसलिए विपक्षियों द्वारा इस संबंध में उठाए जाने वाली आवाज को दबाने कोशिश की जा रही है क्योंकि कवरेज के लिए मीडिया के लोग रहेंगे। सदस्यों द्वारा उठाए जाने वाले मुद्दे सामने आएंगे। उन्होंने कहा कि वे पूर्व में भी सदस्य रह चुके मगर ऐसा पहली बार देख रहे हैं। सदस्य अवैध खनिज उत्खनन सहित विभिन्न मुद्दे उठाना चाह रहे है जिसे दबाने प्रयास हो रहा है।
जिला पंचायत सदस्य देवेन्द्र चंद्रवंशी ने सवाल उठाया कि ऐसा क्या गोपनीय या छुपाने वाली बात है। उन्होंने कहा मीडिया जनता की आवाज है यानी जनता की आवाज को दबा रहे हैं। उनका कहना है कि इस समय शिक्षकों का नहीं शिक्षा का युक्तियुक्तकरण किया जा रहा है। कम दर्ज संख्या वाले स्कूल बंद कर रहे ऐसे में इन स्कूलों में पढऩे वाले गरीब बच्चे कहां जाएंगे। शासन लाभ हानि देखकर ऐसा करे तो लोगों को सुविधाएं कैसे मिलेगी।
इसी तरह कई चीजें सदन में रख रहे हैं जो आम जनता से जुड़ी है। सदस्य उषा सोने ने कहा कि वे लगातार सदन में क्षेत्र की समस्याओ को रख रही है। उन्होंने गर्मी में पेयजल संकट को देखते हुए परसदा, कोडिय़ा, खजरी सहित 25 ग्राम पंचायतों में बोर करने पीएचई विभाग के अधिकारी को सीईओ के कहने पर सूची दी थी। लोग समस्या से जूझते रहे मगर केवल ग्राम कोडिय़ा में एक मात्र बोर किया गया। अधिकारी कभी मशीन तो कभी पाइप नहीं होने की बात करते रह गए और अब उनका फोन भी नहीं उठाते।
विभागीय अधिकारी ने बैठक एक मात्र मशीन होने की वजह से बोर नहीं हो पाना बताया। इस पर श्रीमती सोने ने कहा ऐसे में सदन में उनकी बात रखने का क्या मतलब ऐसा है तो दस साल भी उनके क्षेत्र के इन ग्रामों में बोर खनन नहीं हो पाएगा और लोग पेयजल समस्या से जूझते रहेंगे। उन्होंने कहा कि उनके क्षेत्र के ग्राम कंदई में एक मोहल्ला बस्ती से लगभग 2 किमी दूर है जहां पहली बैठक में आंगनबाड़ी खोलने का मांग रखी थी मगर आज तक विभागीय अधिकारी निरीक्षण करने तक नहीं पहुंचे। सदस्य दानेश्वर साहू ने कहा कि जिले में बोर के लिए एकमात्र मशीन है, जिसे भी कवर्धा भेज दिया गया था और जिले के लोग पेयजल के लिए तरसते रहे। उन्होंने पीएचई के अधिकारियों द्वारा प्रोटोकाल के हिसाब से मंत्री, विधायक, अध्यक्ष, उपाध्यक्ष फिर सदस्य के बताए हुए पाइंट पर बोर किए जाने की बात पर ऐतराज व्यक्त करते हुए कहा कि जहां पेयजल की सबसे ज्यादा जरूरत है इसके हिसाब से प्रोटोकाल होना चाहिए।