दुर्ग

अरुण वोरा ने खुद फोटो खींचकर दिखाया कड़वा सच
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
दुर्ग, 11 जुलाई। शहर की बदहाल स्थिति पर पूर्व विधायक अरुण वोरा ने गंभीर चिंता जताई। उन्होंने वार्ड 13, मोहन नगर का दौरा कर खुद देखा कि किस तरह आवारा मवेशी सडक़ों के बीचों-बीच बैठे हैं, जिससे आए दिन दुर्घटनाएं हो रही हैं। वोरा ने अपने मोबाइल से तस्वीरें खींचकर सोशल मीडिया पर साझा कीं और शहर की दुर्दशा को उजागर किया। उन्होंने कहा ये सिर्फ वार्ड 13 की नहीं, पूरे दुर्ग शहर की स्थिति है। सडक़ें कुत्तों और मवेशियों से अटी पड़ी हैं, लोग दहशत में हैं, और प्रशासन गहरी नींद में सोया हुआ है।
उन्होंने आगे कहा कि मवेशियों की अनियंत्रित बढ़ती आबादी से न केवल आम नागरिकों की जान को खतरा है, बल्कि खुद मवेशियों की जान भी जा रही है। अब जनता को याद आ रही हैं पिछली कांग्रेस सरकार की जनकल्याणकारी योजनाएं दुर्ग सहित पूरे छत्तीसगढ़ में आवारा मवेशियों की बढ़ती समस्या और आए दिन हो रही सडक़ दुर्घटनाओं के बीच अब लोग पिछली कांग्रेस सरकार की जन-योजनाओं को याद कर रहे हैं — विशेषकर नरवा, गरवा, घुरवा, बाड़ी योजना और गौठान परियोजना को।
इस योजना के तहत प्रत्येक ग्राम पंचायत में मवेशियों के लिए सुरक्षित आश्रय स्थल (गौठान) बनाए गए थे, जहां चारे-पानी की व्यवस्था थी, और यह ग्रामीण आजीविका से भी जुड़ा था। आज जब शहर की सडक़ों पर मवेशी बेघर और लाचार नजर आ रहे हैं, लोग कह रहे हैं कि अगर कांग्रेस सरकार की इन योजनाओं को पूरी तरह लागू रखा जाता, तो आज शहरों में यह हाल न होता। अरुण वोरा ने नगर निगम और जिला प्रशासन को जल्द कार्रवाई करने की चेतावनी देते हुए कहा कि यदि समय रहते समाधान नहीं निकाला गया, तो जनता का आक्रोश सडक़ों पर नजर आएगा। वोरा ने कहा अब प्रशासन को जागना ही होगा। इतनी लापरवाही और चुप्पी अब और बर्दाश्त नहीं की जाएगी।