दुर्ग

‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
उतई, 21 अगस्त। दाऊ उत्तम साव शासकीय महाविद्यालय मचान्दुर में तुलसी जयंती के उपलक्ष्य में छत्तीसगढ़ के लोक-जीवन में तुलसी कृत रामचरितमानस विषय पर वेब गोष्ठी का आयोजन संपन्न हुआ। कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहीं महाविद्यालय की प्रभारी प्राचार्य डॉ. नीरजा रानी पाठक ने वक्तव्य दिया। रामचरितमानस के महत्व को रेखांकित करते हुए उन्होंने उसमें वर्णित आदर्शों को व्यावहारिक जीवन में अनुकरण करने की आवश्यकता पर बल दिया। गोष्ठी में ऑनलाइन माध्यम से एस ए पी इण्डिया की सॉफ्टवेयर कंसल्टेंट संध्या ने ‘रामचरितमानस’ के चुनिंदा प्रसंगों का गायन कर एक आदर्श पाठ प्रस्तुत किया। शासकीय डी.बी.गल्र्स कॉलेज रायपुर से जुड़ी डॉ. कल्पना मिश्रा ने मूल विषय पर व्याख्यान दिया।
उन्होंने यह बताया कि कैसे छत्तीसगढ़ जीवन में रामचरितमानस का व्यापक प्रभाव है। एक ही भाषा वर्ग की सहोदरा होने के करण अवधी की सहोदरा छत्तीसगढ़ी ने बड़े प्रेम से इस राम कथा को अपनाया। चाहे वह नाटक मंडलियां हों या मानसगायन मंडलियां या ग्रामीण जीवन के उत्सव, सभी में मानस का व्यापक प्रभाव लक्षित होता है। कार्यक्रम का संचालन कर रहें डॉ. अम्बरीश त्रिपाठी ने रामचरितमानस की 600 वर्षों की ऐतिहासिक यात्रा और उसके वैश्विक प्रभाव का विश्लेषण किया। आभार ज्ञापन करते हुए वाणिज्य विभाग की डॉ. संगीता मैहुरिया ने इस बात का उल्लेख किया कि मानस में व्यक्त तुलसी की ’मंगल’ और ’विवक’ की दृष्टि भारत की जीवन-दृष्टि बनी। विज्ञान महाविद्यालय के प्रोफेसर अजय सिंह ने तकनीकी सहयोग प्रदान किया।
कार्यक्रम के सफल आयोजन में समाजशास्त्र के प्रोफेसर एन.एस.इक्का, के साथ महाविद्यालय के कर्मचारी एन.पी.वर्मा, हितेन्द्र कुमार, प्रमोद कुमार जोशी, राकेश कुमार का विशेष सहयोग रहा। इस वेब गोष्ठी में विद्यार्थियों सहित 100 प्रतिभागी सम्मिलित हुए।