धमतरी

धमतरी के तेलिन सत्ती में होली खेलते हंै, पर होलिका दहन नहीं
27-Mar-2021 5:05 PM
धमतरी के तेलिन सत्ती में होली खेलते हंै, पर होलिका दहन नहीं

‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
धमतरी, 27 मार्च।
मुख्यालय के पास ग्राम तेलिन सत्ती में होली मनाई तो जाती है, लेकिन होलिका जलाई नहीं जाती।
तेलिन सत्ती गांव में बारहवीं सदी से यहां यह परंपरा कायम है। इसके पीछे एक महिला के सती होने की कहानी है। इस पुरानी मान्यता अब तक कायम है।यहां आज भी लोग होली खेलते तो हैं, लेकन होलिका दहन नहीं करते हैं।
ग्रामीणों का कहना है कि 12वीं शताब्दी में गांव का एक व्यक्ति तालाब का पानी रोकने खुद ही मिट्टी के बांध के साथ सो गया और उसकी मौत हो गई। इसकी खबर मिलते ही उसकी पत्नी सती हो गई। तबसे ही वो पूजनीय हो गई। गांव का नाम भी उसी सती के नाम पर तेलिन सती रखा गया है।

इस गांव में सिर्फ होली ही नहीं बल्कि रावण दहन और चिता जलाना भी मना है। किसी की मृत्यु होने पर पड़ोसी गांव की सरहद में जाकर चिता जलाई जाती है। अगर ऐसा नहीं किया जाता तो, गांव में कोई न कोई विपत्ति आती है। ये इस दौर में अविश्वसनीय, अकल्पनीय लग सकती है।आज डिजिटल युग में जीने वाले आज के युवा भी इस प्रथा को इस मान्यता को अपना चुके हैं। गांव के पढ़े लिखे युवा भी इसे  प्रामाणिक बताते हैं। गांव में हर शुभ काम तेलिन सत्ती का आशीर्वाद लेने के बाद ही किया जाता है। बुजुर्गों इस परम्परा को कायम रखने के लिए सभी को कहा है, जिसे निभाया जा रहा है।
 


अन्य पोस्ट