धमतरी

दिखी छत्तीसगढ़ की संस्कृति की झलक
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
नगरी, 19 फरवरी। नगर में गुरुवार को पारंपरिक माता पहुंचानी का आयोजन किया गया। प्रात: काल जुड़वास की रीति संपन्न हुई। तत्पश्चात दोपहर में माता पहुंचानी का कार्यक्रम प्रारंभ हुआ।
नई बस्ती सेवा दल और पुरानी बस्ती सेवा दल के भक्तों के द्वारा संबंधित लोगों को भव्य शोभायात्रा निकालकर माता रानी के जस गीत की अनुपम प्रस्तुति के साथ माता देवालय पहुंचाया गया।
शोभायात्रा को प्रचलित शब्दों में माता की बारात कहा जाता है। इसमें शामिल सभी नये वस्त्र धारण करते हैं।
मान्यता के अनुसार शोभायात्रा में शामिल महिलाओं को आपना सिर खुला रखने की परंपरा है। अस्वस्थता की स्थिति में जिसके ऊपर माता सवार होती है वे मन्नत की चीजें माता देवालय में अर्पित करते हैं। फुल, अगरबत्ती,श्रीफल, और चावल सामान्यत: अर्पित किये जाते हैं।
इस आयोजन में छत्तीसगढ़ की संस्कृति की बानगी स्पष्ट झलक रही थी। इस आयोजन को सफल बनाने में पुजारी गण रमेश कश्यप, उत्तम गौर, अरुण सार्वा, सुखुराम साहू के अलावा बृजलाल सार्वा, योगीराज गौर, गेंदलाल पटेल, अशोक पटेल, परसादी राम चंद्रवंशी, दुलेश्वर गौर, नागेंद्र शुक्ला, ललित प्रसाद शर्मा, श्रवण नाग, गिरजा शंकर सोम, प्रफुल्ल अमतिया, इतवारी नेताम, ज्वाला प्रसाद साहू, नरेश छेदैहा, माखन भरवा, नोहर साहू, वीर कुमार हिरवानी, नोहरू, कार्तिक पटेल , जोहन साहु, झाडूराम यादव, हरी राम साहू, खेलन कुंजाम, सुरेश साहू, अश्वनी यादव, संतकुमार नेताम, मनीराम साहू, संतोष साहू आदि का योगदान रहा।