धमतरी

‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
कुरूद, 29 जुलाई। छत्तीसगढ़ आबकारी आरक्षक प्रवेश हेतु व्यवसायिक परीक्षा मंडल द्वारा आयोजित परीक्षा में बरती गई सख्ती से परीक्षार्थियों को भारी परेशानी उठानी पड़ी। भर्ती परीक्षा में फर्जीवाड़ा रोकने के लिए बनाए नियम परीक्षार्थियों के लिए परेशानी का सबब बना, खासकर महिला परीक्षार्थीयों को ।
इस मामले को लेकर धमतरी जिला के कांग्रेसी नेता व कुरुद क्षेत्र के जिला पंचायत सदस्य नीलम चंद्राकर ने प्रेस नोट जारी कर कहा कि छत्तीसगढ़ व्यापमं द्वारा रविवार को आबकारी आरक्षक प्रवेश परीक्षा आयोजित की गई थीं।जिसमें शासन परीक्षार्थियों के साथ सख्ती बरतने के नाम पर प्रताडि़त कर रही हैं। परीक्षार्थियों को केंद्र परिसर में ही कपड़े बदलने पड़ रहे हैं। विवाहित महिला परीक्षार्थियों के कानों से बाली, गले से मंगलसूत्र, चूड़ी-कंगन, अंगूठी उतरवाई जा रही हैं। यह उनके आत्मसम्मान व गरिमा पर हमला हैं। उन्हें मानसिक और शारीरिक पीड़ा झेलनी पड़ रही है। सख्त नियमों के चलते जिले में सैकड़ों परीक्षार्थी परीक्षा से वंचित हो गए। उनकी महीनों और बरसों की मेहनत बेकार हो गई।
उन्होंने आगे कहा कि सरकार सख्ती के नाम पर परीक्षार्थियों से अपमानजनक व्यवहार कर रही हैं। वे नहीं चाहते कि युवा परीक्षा में शामिल हो और नौकरी करें क्योंकि सरकार की मंशा नौकरी देने की है ही नहीं। भूपेश बघेल सरकार के समय प्रतियोगी परीक्षाएं निशुल्क थीं, बेरोजगार युवाओं को बेरोजगारी भत्ता मिलता था, युवाओं के लिए रोजगार का अवसर था। आज परीक्षा केंद्रों में तानाशाही रवैया अपनाकर परीक्षार्थियों को मानसिक पीड़ा पहुंचाई जा रहीं है। एक तरह से सरकार परीक्षार्थी युवाओं का शोषण कर रही हैं। श्री चंद्राकर ने कहा कि आम परीक्षार्थियों के साथ मानवीय और सम्मानजनक व्यवहार सुनिश्चित किया जाए। उन्होंने परीक्षा केंद्रों में छात्रों के साथ हुए दुर्व्यवहार की जांच कर दोषियों पर सख्त कार्रवाई करने एवं परीक्षा से वंचित छात्रों के लिए पुन: परीक्षा आयोजित करने की मांग की।