धमतरी
छत्तीसगढ़ संवाददाता
धमतरी, 21 मई। जिले में बंद पड़े गोदाम के सेप्टिक टैंक से बरामद कंकाल मामले की गुत्थी सुलझा ली गई है। पुलिस ने इस मामले में आरोपी को गिरफ्तार कर लिया है। सेप्टिक टैंक में मिला कंकाल आरोपी के सौतेले बेटे का है। सात साल पहले आरोपी ने खाने को लेकर हुए विवाद के बाद सौतेले बेटे की हत्या कर दी थी, वहीं सबूत मिटाने शव को सेप्टिक टैंक में छिपा दिया था।
यह मामला अर्जुनी थाना क्षेत्र के भोयना का है। बीते 17 मई को गोदाम में जमीन का नाप-जोख चल रहा था, तभी सेप्टिक टैंक के ऊपर से मानव खोपड़ी दिखाई दी।
गांव के कोटवार ने इसकी सूचना पुलिस को दी। इसकी सूचना मिलते ही पुलिस और फोरेंसिक टीम मौके पर पहुंची। जब टैंक की करीब 4 फीट खुदाई की गई, तो वहां से कंकाल के एक-एक अवशेष बरामद हुए। साथ ही घटनास्थल से डॉट पेन, सीरीज इंजेक्शन, प्लास्टिक बटन, अंडरवियर का रबर, सीमेंट पोल, नायलॉन की रस्सी और साइकिल की ट्यूब भी मिली।
बेटे के गुमशुदगी नहीं दर्ज कराई रिपोर्ट
पुलिस ने गांव के लोगों से किसी के लापता होने को लेकर पूछताछ की, तो पता चला कि राममिलन गोड़ का 23 वर्षीय बेटा नंदू सोनी पिछले सात साल से गायब है। पुलिस ने थाने में पता लगाया कि इस गांव के नंदू सोनी नाम के युवक की गुमशुदगी की रिपोर्ट दर्ज हुई है या नहीं। जांच में पता चला कि कोई गुमशुदगी की रिपोर्ट दर्ज नहीं हुई है। इस पर पुलिस को राममिलन पर शक हुआ और तुरंत उसको पूछताछ के लिए बुलाया। पूछताछ में आरोपी ने जुर्म कबूल कर लिया।
बेटे से विवाद के बाद की हत्या
आरोपी से पूछताछ के बाद पुलिस ने बताया कि यह हत्या करीब 7 साल पहले क्वांर नवरात्रि के दौरान की गई थी। आरोपी राममिलन गोंड़ अपने सौतेले बेटे नंदू सोनी (23) के साथ घर में अकेला था। रात करीब 10-11 बजे खाना खाने को लेकर दोनों में विवाद हुआ, जिसके दौरान राममिलन ने नंदू का गला पकडक़र सिर को दीवार पर पटक दिया, जिससे उसकी मौके पर ही मौत हो गई।
हत्या के बाद सुबह करीब 4 बजे राममिलन ने नंदू के शव को अकेले कंधे पर उठाकर कुछ दूरी पर स्थित पु_ा गोदाम तक खींचा और वहां सेप्टिक टैंक में शव को सीमेंट पोल से बांधकर नायलॉन रस्सी और साइकिल ट्यूब की मदद से डाल दिया।
फिलहाल, फॉरेंसिक जांच रिपोर्ट अभी नहीं आई है, लेकिन पुलिस ने कंकाल मिलने के बाद 3 दिन में इस मामले का खुलासा कर आरोपी को गिरफ्तार कर लिया है। राममिलन गोंड़ को न्यायिक रिमांड पर जेल भेज दिया गया है।
ऐसे हुआ हत्याकांड का 7 साल बाद खुलासा
अर्जुनी पुलिस के मुताबिक साल 2018 में नंदू सोनी अचानक लापता हो गया था। वह अधिकतर समय बाहर रहता था। क्वांर नवरात्रि में घर लौटा। घर में सौतेले पिता राममिलन गोड़ से झगड़ा हुआ। दोनों में हाथापाई भी हुई। अगले दिन नंदू गायब हो गया। उसकी गुमशुदगी की रिपोर्ट थाने में दर्ज नहीं कराई गई।
17 मई को पुलिस को एक नरकंकाल मिला। उसी दिन आरोपी की पत्नी माया रोने लगी। यह बात गांव में फैल गई। पुलिस पहले ही दो दिन तक गांव पर नजर रखी हुई थी। बात उस तक पहुंची तो उसे घर वालों पर ही शक हो गया। पुलिस को लगभग विश्वास हो गया कि मृतक की मां से जरूर कुछ क्लू मिल सकता है।
बेटा का गायब था पर गुमशुदगी दर्ज नहीं कराई थी। 19 मई को राममिलन को हिरासत में लिया गया। पुलिस ने उसे करीब 6 घंटे तक गाड़ी में घुमाया। पूछताछ में वह बार-बार कहानी बदलता रहा। आखिरकार उसने नंदू की हत्या कबूल कर ली। पुलिस को पूरी वारदात की जानकारी दी।


