धमतरी

‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
धमतरी, 20 अप्रैल। ई-रिक्शा चालकों और ऑटो यूनियन के बीच एक बार फिर विवाद हो गया। 19 अप्रैल को सभी ई-रिक्शा चालक पुरानी कृषि उपज मंडी में एकत्र हुए। उन्होंने बस स्टैंड में जगह न मिलने का विरोध किया। सूचना पर तहसीलदार सूरज बंछोर और यातायात पुलिस मौके पर पहुंचे। उन्होंने चालकों से बातचीत की। समझाइश दी। इसके बाद समस्या का हल निकाला गया। नगर निगम से चर्चा कर होटल आशियाना के बाजू में ई-रिक्शा के लिए जगह तय की गई।
तहसीलदार सूरज बंछोर ने बताया कि ई-रिक्शा चालकों की शिकायत थी कि उन्हें बस स्टैंड में जगह नहीं मिलती है। निगम से चर्चा कर होटल आशियाना के बाजू में ई-रिक्शा को खड़ी करने जगह दिया है। अपने वाहनों को खड़ी कर सवारी लाएंगे-ले जाएंगे।
धमतरी में ई-रिक्शा की संख्या लगातार बढ़ रही है। शहर में हजार से ज्यादा ई-रिक्शा चल रहे हैं, लेकिन आरटीओ की लापरवाही से सिर्फ 150 से 200 ही पंजीकृत हैं। कई चालकों के पास जरूरी दस्तावेज नहीं हैं। इसी वजह से बस स्टैंड में जगह को लेकर अक्सर विवाद होता है। ई-रिक्शा यूनियन के सलीम ने बताया कि बस स्टैंड में उनके चालकों को खड़ा होने नहीं दिया जाता। सवारी लेने पर रोका जाता है। विरोध करने पर दुव्र्यवहार और मारपीट की जाती है।
उन्होंने कहा कि महंगाई के दौर में रोजी-रोटी के लिए ई-रिक्शा चला रहे हैं। कई गाडिय़ां किश्त पर ली गई हैं। राजकुमारी हिरवानी और पिंकी गायकवाड़ ने बताया कि ऑटो चालक अक्सर दुव्र्यवहार करते हैं। चौक-चौराहों और गंगरेल में भी सवारी लेने पर विवाद करते हैं। सभी लोग परिवार चलाने के लिए काम कर रहे हैं। सबको काम करने देना चाहिए। यातायात विभाग के एएसआई भेनूराम वर्मा ने चालकों को समझाइश दी। कहा कि बिना लाइसेंस और नशे की हालत में वाहन न चलाएं। नाबालिग को वाहन न दें। चौक-चौराहों में वाहन खड़ा न करें। यातायात व्यवस्था बनाए रखने में सहयोग करें। ऑटो यूनियन के साहिल अहमद ने कहा कि ई-रिक्शा चालक भी विवाद करते हैं। बस स्टैंड में दोनों पक्षों के लिए अलग-अलग जगह तय होनी चाहिए। उन्होंने कहा कि उनके द्वारा किसी से मारपीट नहीं की गई है।