धमतरी

सिन्धी समाज के आनंद मेला में बिखरी स्वादिष्ट व्यंजनों की खुश्बू
12-Apr-2025 3:10 PM
सिन्धी समाज के आनंद मेला में बिखरी स्वादिष्ट व्यंजनों की खुश्बू

‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता

कुरूद, 12 अप्रैल। भारत सरकार ने 10 अप्रैल 1967 को 21 वें संविधान संशोधन के माध्यम से सिन्धी भाषा को आठवीं अनुसूची में शामिल किया था। तब से इस दिन को यादगार बनाने 10 अप्रैल को सिन्धी समाज द्वारपर्व के रूप में मनाया  कुरूद स्थित सिन्धु भवन में 10 अप्रैल को सिंधी भाषा दिवस मनाया गया। समाज की  लेडिज ग्रुप द्वारा आनंद मेला का आयोजन किया गया।आयोजन के संबंध में समाज प्रमुख कन्हैया नवलानी, राजेन्द्र बजाज, राजकुमार चैनवानी, मुरलीधर, राजकुमार बजाज, प्रकाश चैनवानी, मोहन सुखरामनी ने बताया कि आजादी के दो दसक बाद तत्कालीन भारत सरकार ने 10 अप्रैल 1967 को सिन्धी भाषा को मान्यता दी थी। तब से इस दिन को सिंधी समाज के लोग पर्व के रूप में मनाते हैं।

 

इस उपलक्ष्य में महिला समिति द्वारा आनंद मेला का आयोजन किया गया है। जिसमें समाज की महिला एवं बालिकाओं द्वारा तरह तरह के स्वादिष्ट व्यंजनों का स्टॉल मुख केंद्र रहा। आनंद मेले में संगीता और झंकार के पकोड़े के ब्रेड-चना, नैना के शरबत-आइसक्रीम, भाविका, मुस्कान, जिविका का ढोढा-केक, कीर्ति की दाल पकवान, वैशाली कढ़ी-चावल, सारिका के कोकी-पापड़, वीनू की ज्वेलरी, जिया के कपड़े और बच्चों के गेम आदि का सभी ने जमकर आनंद उठाया।

 आयोजन को सफल बनाने में सुमन बजाज, अलका, दिव्या, पूर्वी, मन्नत, रिंकी, आदि का विशेष योगदान रहा। मंच संचालन विद्या बजाज एवं सुशीला असरानी ने किया।


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