धमतरी

धमतरी में शराब दुकान के विरोध में भगवती मानव कल्याण संगठन का प्रदर्शन
29-Mar-2025 3:52 PM
धमतरी में शराब दुकान के विरोध में भगवती मानव कल्याण संगठन का प्रदर्शन

‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता 
धमतरी, 29 मार्च।
धमतरी में शराब दुकान खोलने का विरोध शुरू हो गया। भगवती मानव कल्याण संगठन और भारतीय शक्ति चेतना पार्टी के कार्यकर्ताओं ने कलेक्टोरेट तक पदयात्रा निकाली। प्रदर्शनकारियों ने शंख बजाते हुए रैली निकाली। नारेबाजी की। कार्यकर्ताओं ने कलेक्टोरेट पहुंचकर मुख्यमंत्री के नाम कलेक्टर को ज्ञापन सौंपा। प्रदर्शनकारियों ने प्रदेश को नशा मुक्त बनाने की मांग की है।

छत्तीसगढ़ में 67 नई शराब दुकान खोलने के फैसले और अवैध शराब, गांजा, तंबाकू व अन्य नशीले पदार्थों की बिक्री पर प्रतिबंध लगाने की मांग को लेकर भगवती मानव कल्याण संगठन और भारतीय शक्ति चेतना पार्टी के कार्यकर्ताओं ने विरोध प्रदर्शन किया। इस दौरान शीतला माता मंदिर से एक विशाल रैली निकाली गई, जिसमें बड़ी संख्या में कार्यकर्ता शामिल हुए। रैली लगभग 5 किमी की पदयात्रा करते हुए कलेक्ट्रेट पहुंची, जहां मुख्यमंत्री विष्णु देव साय के नाम कलेक्टर को ज्ञापन सौंपा गया।

बढ़ते नशे और अपराधों पर जताई चिंता
विरोध प्रदर्शन में शामिल कार्यकर्ताओं ने कहा कि छत्तीसगढ़ में नशे के खिलाफ लगातार अभियान चलाया जा रहा है, लेकिन सरकार द्वारा 67 नई शराब दुकानों को खोलने का निर्णय लिया है, जो प्रदेश के युवाओं और समाज के लिए घातक साबित हो सकता है। शराब और अन्य नशीले पदार्थों के कारण अपराध, दुष्कर्म और छेड़छाड़ की घटनाएं बढ़ रही हैं। युवाओं में नशे की लत तेजी से फैल रही है, जिससे उनका भविष्य अंधकार में जा रहा है।

छत्तीसगढ़ को नशा मुक्त करने की अपील
भगवती मानव कल्याण संगठन और भारतीय शक्ति चेतना पार्टी के कार्यकर्ताओं ने धमतरी जिले को नशा मुक्त करने और नई शराब दुकानों पर प्रतिबंध लगाने की मांग की। उन्होंने कहा कि शराब की वजह से पूरा समाज प्रभावित हो रहा है, परिवारों में कलह बढ़ रही है और गांवों में अशांति का माहौल है। यदि छत्तीसगढ़ को पूरी तरह से नशा मुक्त कर दिया जाए, तो यह प्रदेश विकास के मार्ग पर तेजी से आगे बढ़ सकता है।


 

मुख्यमंत्री के नाम सौंपा ज्ञापन
विरोध प्रदर्शन के दौरान कार्यकर्ताओं ने मुख्यमंत्री विष्णु देव साय के नाम ज्ञापन सौंपते हुए सरकार से अपील की कि शराब और अन्य नशीले पदार्थों पर पूरी तरह से प्रतिबंध लगाया जाए। उन्होंने चेतावनी दी कि यदि सरकार ने इस मांग पर ध्यान नहीं दिया, तो नशे के खिलाफ आंदोलन को और तेज किया जाएगा।


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