धमतरी

तैरना नहीं आता था, फिर भी डूबते पिता को बचाया
29-Mar-2025 1:02 PM
तैरना नहीं आता था, फिर भी डूबते पिता को बचाया

 11 साल के बेटे ने चचेरे भाई के साथ मिलकर सीपीआर भी दिया
‘छत्तीसगढ़’संवाददाता
धमतरी, 29 मार्च।
धमतरी में 2 बच्चों ने गजब की बहादुरी दिखाई है। रुद्री नदी में तैराकी के लिए गए पिता को उसके बेटे और भतीजे ने डूबने से बचा लिया। बच्चों को तैरना नहीं आता था, फिर भी उन्होंने जान बचाने का साहस दिखाया। इतना ही नहीं दोनों ने सीपीआर देकर उसे होश में भी ले आए।

आमातालाब के रहने वाले संतोष देवांगन (46) शुक्रवार सुबह 8 बजे अपने बेटे और भतीजे को रुद्री नदी ले गए। तैराकी सिखाने के दौरान पहले तो बेटे आशु (11) का पैर फिसल गया। तभी संतोष ने बेटे को बचाने तुरंत वहां आ गए। संतोष ने पहले बेटे आशु और और भतीजे मेहुल (10) को किनारे की ओर धक्का देकर सुरक्षित किया। इसी बीच वे खुद गहरे पानी में चले गए और डूबने लगे। पिता को डूबता देख बेटे आशु और भतीजे मेहुल हड़बड़ा गए। दोनों को तैरना नहीं आता था, ऐसे में उन्हें कुछ समझ नहीं रहा था वो क्या करें। 

दोनों बच्चों ने हिम्मत दिखाई और गहरे पानी में उतरकर उन्हें बाहर खींच लिया। डूबने की वजह से संतोष बेहोश हो चुके थे। बच्चों ने सीपीआर देकर उन्हें होश में भी ले आए।

 

 

भतीजे मेहुल ने वहां एक व्यक्ति से मोबाइल मांगा और फिर घरवालों को घटना के बारे में जानकारी दी। इसके बाद घरवाले मौके पर पहुंचे। वहीं संतोष को 108 एम्बुलेंस से जिला अस्पताल ले जाया गया, जहां वे अब आईसीयू में भर्ती हैं और उनका इलाज जारी है। 

संतोष देवांगन ने बताया कि वे अक्सर रूद्री नदी में नहाने जाते हैं, लेकिन इस बार गहराई का सही अंदाजा नहीं लगा सके, जिससे यह हादसा हुआ। उन्होंने स्वीकार किया कि उन्हें थोड़ी बहुत तैराकी आती है, लेकिन

उनके बेटे और भतीजे को तैरना नहीं आता। इसके बावजूद, बच्चों ने बिना अपनी जान की परवाह किए उन्हें बचाया।

संतोष देवांगन ने दोनों बच्चों की बहादुरी की सराहना करते हुए कहा कि वे आज उन्हीं की वजह से जिंदा हैं।

ज्ञात हो कि सीपीआर का मतलब है कार्डियोपल्मोनरी रिससिटेशन, जो एक आपातकालीन प्रक्रिया है, जिसका उपयोग तब किया जाता है, जब किसी व्यक्ति का दिल धडक़ना बंद कर देता है या सांस लेना बंद कर देता है।


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