धमतरी

मांदागिरी जंगल में मुठभेड़, डीआरजी जवानों ने नक्सली कैंप किया ध्वस्त
04-Mar-2025 3:55 PM
मांदागिरी जंगल में मुठभेड़, डीआरजी जवानों ने नक्सली कैंप किया ध्वस्त

2-3 नक्सलियों के घायल की संभावना
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
धमतरी, 4 मार्च।
जिले के खल्लारी थाना क्षेत्र में 3 मार्च को पुलिस और नक्सलियों के बीच मुठभेड़ हुई। मांदागिरी जंगल में करीब आधे घंटे तक डिस्ट्रिक्ट रिजर्व गार्ड (डीआरजी) और नक्सलियों के बीच ताबड़तोड़ फायरिंग हुई। इस दौरान डीआरजी की टीम ने नक्सलियों का कैंप ध्वस्त कर दिया। पुलिस ने आशंका जताई है कि मुठभेड़ में 2 से 3 नक्सली गोली लगने से घायल हुए हैं।

जिले में माओवादी विरोधी अभियान के तहत पुलिस को सूचना मिली थी कि मांदागिरी के जंगल में नक्सलियों की मौजूदगी है। सूचना मिलते ही डीआरजी की 25-30 सदस्यीय टीम नक्सली अभियान के लिए निकली। सर्च ऑपरेशन के दौरान नक्सलियों ने स्वचालित हथियारों से फायरिंग शुरू कर दी। जवाबी कार्रवाई में डीआरजी के जवानों ने भी पेड़ों की आड़ लेकर आत्मरक्षा में फायरिंग की। यह मुठभेड़ करीब 30 मिनट तक चली।

नक्सलियों पर बढ़ रहा दबाव
जिले में पुलिस द्वारा लगातार माओवादी विरोधी अभियान चलाया जा रहा है। इस मुठभेड़ के बाद माना जा रहा है कि नक्सलियों पर दबाव बढ़ा है और वे जंगल में पीछे हटने को मजबूर हो सकते हैं। पुलिस ने इलाके में गश्त बढ़ा दी है और आने वाले दिनों में और भी सर्च ऑपरेशन चलाए जाने की संभावना है।

फोर्स सुरक्षित जंगल से लौट आई- एसपी
एसपी आंजनेय वाष्र्णेय ने कहा कि प्रतिबंधित सशस्त्र माओवादियों द्वारा स्वचालित हथियारों से पुलिस पार्टी पर अंधाधुंध फायरिंग की, जिसके जवाब में डीआरजी की टीम पेड़ों की आड़ लेकर नक्सलियों पर फायरिंग की। रुक-रुककर करीब आधे घंटे तक पुलिस पार्टी पर फायरिंग हुई। संभावना है कि 2 से 3 नक्सली को गोली लगी है। मुठभेड़ के बाद नक्सली भाग निकले है। घटनास्थल की डीआरजी टीम ने बारीकी से सर्चिंग की। घटना से जुड़ी जानकारियां 4 मार्च को जारी की जाएगी।
 

महीनेभर बैकफुट पर रहे नक्सली
बता दें कि पड़ोसी जिला गरियाबंद में फोर्स ने महीनेभर पहले करीब 27 नक्सलियों का एनकाउंटर किया। इनमें से 14 के शव और हथियार भी बरामद किए। फोर्स को यह बड़ी कामयाबी मिली, क्योंकि करीब 1 करोड़ इनामी चलपति, सत्यम गावड़े जैसे खुखार नक्सली ढेर हो गए है। इसके बाद नक्सलियों का इलाके से पांव ही उखड़ गया है। महीनेभर नक्सली बैकफुट में रहे। मारे जाने का डर अभी भी नक्सलियों को सता रहा है, इसलिए सोमवार को हुई मुठभेड़ में फोर्स को भारी पड़ते देखकर नक्सली फायरिंग के बीच ही भाग गए।


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