धमतरी

‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
कुरुद, 6 फरवरी। ए क्लास कृषि उपज मंडी में इन दिनों 5 से 7 हजार कट्टा धान की आवक हो रही है। महानदी का मेघा पुल टूटने की वजह से यहाँ आवक घट गई है। जिससे मंडी प्रशासन, व्यापारी और रेजा हमाल को रोज आर्थिक नुकसान उठाना पड़ रहा है। लेकिन सरकार का ध्यान इस ओर नहीं है। जिसका खामियाजा भाजपा को त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव में उठाना पड़ सकता है।
प्रदेश की उत्कृष्ट मंडियों में शुमार कृषि उपज मंडी कुरुद की रौनक सोसाइटी खरीदी बंद होने के बाद फिर से लौटने लगी है। वर्तमान में यहां रोज 5 से 7 हजार कट्टे धान की आवाक हो रही है। यहाँ पहुचने वाला 70 फीसदी धान समर्थन मूल्य से अधिक दाम पर बिक रहा है।
गुरुवार को अपनी फसल बेचने मंडी पहुंचे जोरातराई, के नकूल यादव, खुबलाल साहू, दरगाहन के गोवर्धन साहू, परखंदा के पुरषोत्तम निशाद, चतुरराम साहू बोडरा के मोहन साहू आदि किसानों ने बताया कि अन्य मंडियों के मुकाबले यहाँ का भाव और व्यवस्था अच्छा होता है। समय पर बोली, भराई तौलाई और चुकारा होने से कुरुद उनकी पहली पसंद है। ज्ञात हो कि पहले गरियाबंद, दुर्ग, राजनांदगांव, बालोद, कांकेर, रायपुर, महासमुंद, मुंगेली जिला के किसान भी यहाँ अपनी उपज बेचने आते थे। लेकिन मेघा पुल टुटने की वजह से गरियाबंद, राजिम और दक्षिण मगरलोड क्षेत्र का धान आना बंद हो गया है। मंडी में हमार कर अपनी अजीविका चलाने वाले भारत साहू, दुर्गेश डाहरे, गंगाराम सिन्हा, बिश्राम साहू ने बताया कि पहले दिन भर में 5-7 सौ रूपये कमा लेते थे, लेकिन जबसे मेघा पुल टुटा धान की आवक और हमारी कमाई घटकर सौ दो सौ हो गई है। जिससे उन्हें अपने परिवार का भरण पोषण मुश्किल हो गया है।
इस बारे में सचिव राजकुमार रात्रे का कहना है कि मेघा पुल टूटने से मंडी की आवक कम हुई है। मंडी बोर्ड और शासन को रिपोर्ट भेज दिया गया है।