धमतरी

‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
नगरी, 7 दिसंबर। विद्युत विभाग में कार्यरत आउटसोर्स ठेका कर्मचारी वेतन दर छ: हजार से नव हजार रूपये पर कार्यरत है। जो कि विभाग में विगत 18 व 5 वर्ष से कार्यरत होकर विभाग में जोखिम भरा कार्य कर रहे हैं।
विद्युत विभाग उन्हें समायोजित कर वेतन देने की मांग करते हुए बताया कि कई जिलों में टेंडर नहीं होने के कारण भी विभाग के द्वारा 7 से 8 महीने का वेतन जब दिया जा सकता है। तो उन्हें हमेशा के लिए क्यों वेतन नहीं दिया जा सकता। आगे उन्होंने बताया कि शासकीय, अर्ध शासकीय, निगम मंडल, में कार्यरत अकुशल, कार्यकुशल, उच्यकुशल, श्रेणी में कार्य कर रहे श्रमिकों को 4000 रु देने की जो घोषणा आउटसोर्स विद्युत विभाग के कर्मचारियों के लिए जो घोषणा की गई थी। जो अभी तक आप्राप्त है। वहीं उन्होंने दिल्ली व अन्य राज्यों की तरह श्रमिकों की मासिक वेतन 21000 रु केंद्रीय वेतनमान को छत्तीसगढ़ में लागू करने बात कही क्योंकि छत्तीसगढ़ में ही सबसे कम वेतनमान पर काम करने के लिए श्रमिक मजबूर हैं। वहीं भाजपा ने जो चुनाव जीतने से पहले अपने जन घोषणा पत्र में मोदी की गारंटी के तहत 100 दिनों के अंदर अनियमित आउटसोर्स कर्मचारी के लिए कमेटी बनाकर निर्णय लेने की बात 6 माह के अंदर में कमेटी गठन कर पूरा कर करने की बात कही गई थी। जिसमें कमेटी गठन के लिए संगठनों के कर्मचारियों को सदस्य बनाने की बात कही थी जो अभी तक नहीं बनाया नही गया है। जिसके लिए कर्मचारियों ने सिहावा विधायक अंबिका मरकाम से मुलाकात कर निम्न मांगों को होने वाले विधानसभा सत्र में रखने की बात कही। जिस पर विधायक मरकाम ने उन्हें आश्वस्त करते हुए कहा की निश्चित तौर पर आप सभी की मांग जायज है। जिस हिसाब से भाजपा ने अपने घोषणा पत्र में जो वादा किया था। उन्हें अब तक पूर्ण 1 वर्ष हो जाने के बाद भी नहीं पुर्ण किया जाना। सवाल खड़ा करता है। मैं जब सदन में जाऊंगी तो आप सभी की मांगों को पुरजोर के साथ उठाऊंगी और जब तक आप सभी की मांग पूरा नहीं हो जाता मैं आप सबके साथ हमेशा इस लड़ाई को लडऩे के लिए तैयार रहूंगी।