धमतरी

‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
धमतरी, 21 सितंबर। कांटा कुर्रीडीह में 20 सितंबर से शिव महापुराण की कथा शुरू हो गई है। कथा सुनने पहले दिन ही लाखों की संख्या में श्रोताओं की भीड़ रही।
कथावाचक पं. प्रदीप मिश्रा ने कहा कि सौभाग्य की बात है कि छत्तीसगढ़ की गंगा कहलाने वाले महानदी के तट पर यह शिव महापुराण की कथा हो रही है, जिस पावन भूमि में भगवान श्रीराम के चरण पड़े हो, वह कोई साधारण भूमि नहीं हो सकती। ऐसी भूमि पर शिव महापुराण की कथा का आयोजन करना बहुत सौभाग्य की बात है। मुझे कई लोगों ने कहा 15 किमी दूर धमतरी में आकर रुकें, लेकिन उन्होंने महानदी के तट पर रुकने का फैसला लिया।
पं. प्रदीप मिश्रा ने कहा कि श्राद्ध पक्ष से बड़ा कोई दूसरा पक्ष नहीं है। अन्य पक्षों में तो केवल देवता का आशीर्वाद मिलता है, लेकिन श्राद्ध पक्ष में तो पितरों का आशीर्वाद मिलता है।
उन्होंने एक लोटा जल चढ़ाने का क्या महत्व है भक्तों को बताया। कुछ लोग यह कहते हैं कि पितृपक्ष में कोई शुभ काम नहीं करना चाहिए, जबकि ऐसा नहीं है। पितृपक्ष में नया काम किया जा सकता है, क्योंकि इसमें पितरों का आशीर्वाद मिलता है।