दन्तेवाड़ा
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
दंतेवाड़ा, 7 नवंबर। देश के राष्ट्रीय गीत ‘वंदे मातरम्’ की 150वीं वर्षगांठ के अवसर पर दंतेवाड़ा स्थित मेंढक़ा डोबरा मैदान में शुक्रवार को भव्य आयोजन किया गया। इस अवसर पर देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के वर्चुअल संबोधन का सीधा प्रसारण किया गया। जिसे जिले के जनप्रतिनिधियों, अधिकारी-कर्मचारियों एवं स्कूली छात्र-छात्राओं ने उत्साहपूर्वक देखा।
सांसद बस्तर महेश कश्यप ने अपने संबोधन में कहा कि आज का दिन हम सभी के लिए गर्व का दिन है। हमने हाल ही में राज्योत्सव , लौह पुरुष सरदार वल्लभभाई पटेल की 150वीं जयंती, और भारत के राष्ट्रीय गीत वंदे मातरम् की 150वीं वर्षगांठ जैसे गौरवपूर्ण अवसरों को एक साथ मनाया है। हमारे देश की महान विभूतियाँ ही हमारी प्रेरणा हैं। यह भूमि देवभूमि कही जाती है क्योंकि यहां त्याग, तपस्या और राष्ट्रसेवा की भावना निहित है। हमें ऐसे महान पुरुषों के जीवन से सीख लेकर राष्ट्र निर्माण में योगदान देना चाहिए।
सांसद ने कहा कि राष्ट्रीय गीत वंदे मातरम् की रचना बंकिमचंद्र चटर्जी ने की थी। यह गीत हमारे देश की आत्मा है, जिसने स्वतंत्रता संग्राम के समय हर भारतीय के हृदय में जोश और गर्व जगाया। हमें इसे केवल गीत नहीं, बल्कि जीवन का आदर्श बनाना चाहिए। श्री कश्यप ने कहा कि देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने वर्चुअल संबोधन में कहा कि वंदे मातरम् केवल एक गीत नहीं, बल्कि मातृभूमि के प्रति समर्पण, श्रद्धा और त्याग का प्रतीक है। जब भी हम वंदे मातरम् कहते हैं, तो हमारे भीतर देशभक्ति की नई ऊर्जा संचारित होती है। यह गीत भारत की एकता, अखंडता और सांस्कृतिक गौरव का अमर प्रतीक है।
बंकिमचंद्र चटर्जी की अमर रचना
इस अवसर पर विधायक चैतराम अटामी नें कहा कि आज हम राष्ट्रीय गीत ‘वंदे मातरम्’ की 150वीं वर्षगांठ का उत्सव मना रहे है यह वही गीत है जिसने गुलामी की जंजीरों से जकड़े एक राष्ट्र को एकता के सूत्र में पिरोकर हर भारतीय के मन में स्वतंत्रता की अखण्ड ज्वाला को प्रज्ज्वलित किया।
इसके रचयिता बंकिमचंद्र चटर्जी ने इस प्रेरक गीत को रच कर अमर हो गए। हमारा राष्ट्र उनके प्रति सदैव कृतज्ञ रहेगा।
वंदे मातरम् के संदेश को जन-जन तक पहुंचाएं
कलेक्टर कुणाल दुदावत ने सार संबोधन में कहा कि यह हम सब के लिए गर्व का विषय है कि राष्ट्रीय गीत ‘वंदे मातरम्’ की 150वीं वर्षगांठ के अवसर पर यहां एकत्र हुए है। हम सभी का यह प्रयास होना चाहिए कि राष्ट्रीय गीत के मूल संदेश को जन-जन तक पहुंचाए।
इस अवसर पर अध्यक्ष नंदलाल मुड़ामी, पायल गुप्ता, अध्यक्ष सुनीता भास्कर, संतोष गुप्ता और सीईओ जयंत नाहटा प्रमुख रूप से मौजूद थे।


