दन्तेवाड़ा

एनएमडीसी भर्ती : स्थानीय युवाओं को प्राथमिकता देने की मांग पर संयुक्त पंचायत का धरना
26-Jun-2025 10:08 PM
एनएमडीसी भर्ती : स्थानीय युवाओं को प्राथमिकता देने की मांग पर संयुक्त पंचायत का धरना

बचेली-किरंदुल परियोजनाओं में कर्मियों को ड्यूटी जाने से रोका

आरएस-2 पदो के लिए ओएमआर परीक्षा कराने की उठी मांग

‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
बचेली/किरंदुल, 26 जून।
एनएमडीसी की बचेली और किरंदुल परियोजनाओं में निकली नई भर्ती को लेकर गुरुवार को धरना दिया गया।  स्थानीय युवाओं को प्राथमिकता देने की मांग को लेकर संयुक्त पंचायत दंतेवाड़ा के नेतृत्व में सैकड़ों ग्रामीणों ने सुबह 5 बजे दोनों परियोजनाओं के सीआईएसएफ चेकपोस्ट का घेराव किया और कर्मचारियों को ड्यूटी पर जाने से रोक दिया। 

उनका कहना है कि परियोजना से प्रभावित तीनों जिलों दंतेवाड़ा, बीजापुर, सुकमा के सभी वर्गों जैसे एसटी, एससी, ओबीसी व सामान्य के अभ्यर्थियों को  आरएस-1 और आरएस-2 (अनुरक्षण सहायक) पदों पर भर्ती में स्थानीय युवाओं को प्राथमिकता दी जाए। साथ ही, आरएस 2 परीक्षा सीबीटी (कंप्यूटर बेस्ड टेस्ट) की बजाय ओएमआर शीट के माध्यम से ली जाए, ताकि ग्रामीण अभ्यर्थियों को तकनीकी कठिनाई न हो।

संयुक्त पंचायत ने यह भी मांग रखी कि सभी पदों की परीक्षा दंतेवाड़ा जिले में ही आयोजित हो एवं दोनों परियोजनाओं (बचेली व किरंदुल) में आवेदन का समान अवसर सभी अभ्यर्थियों को मिले। दोनों परियोजना में आवेदन केवल स्थानीय तीनो जिलों के अभ्यर्थियो को दिया जाए, ताकि अधिक से अधिक स्थानीय भागदारी सुनिश्चित हो सके।

संयुक्त पंचायत ने इस बात पर कड़ा ऐतराज जताया है कि एनएमडीसी द्वारा हाल ही में जो भर्ती प्रक्रिया घोषित की गई है, वह खुली भर्ती प्रणाली के तहत सम्पूर्ण भारत के लिए है, जबकि इन परियोजनाओं के संचालन से प्रत्यक्ष रूप से प्रभावित ग्रामीण क्षेत्र के युवाओं को ही रोजगार का पहला अधिकार मिलना चाहिए।

पंचायत पदाधिकारियों ने आरोप लगाया कि बस्तर जैसे आदिवासी व पिछड़े क्षेत्र में न तो पर्याप्त शैक्षणिक संस्थान हैं और न ही प्रतियोगी परीक्षाओं के लिए संसाधन। ऐसे में देशभर के अभ्यर्थियों से प्रतियोगिता करना यहां के युवाओं के लिए असंभव जैसा है। इसके परिणामस्वरूप स्थानीय युवा बेरोजगार रह जाते हैं, जबकि बाहरी लोग नौकरी पा जाते हैं। उन्होंने कहा कि यह क्षेत्र एक अनुसूचित क्षेत्र है, जो कि 5वीं अनुसूची के अंतर्गत आता है। 

एनएमडीसी के खदानों का जब भी लीज नवीनीकरण, पर्यावरण क्लियरेंस या क्षमता विस्तार की बात आती है तब एनएमडीसी प्रबंधन के द्वारा नौकरियों में स्थानीय बेरोजगार युवाओं की नौकरी में प्राथमिकता देने की बात की जाती है, लेकिन जब नौकरियों में भर्ती की बारी आती है, तब भर्ती प्रक्रिया को खुला कर संपूर्ण भारत से भर्ती किया जाता है।

वर्ष 2020-22 के कोविड महामारी काल में रेल्वे विभाग द्वारा भर्ती प्रक्रिया में अभ्यर्थियो को 3 वर्ष की अतिरिक्त आयु की सीमा छूट प्रदान की गई थी, उसी प्रकार की विशेष छूट वर्तमान में एनएमडीसी की भर्ती में भी दी जानी चाहिए,  जिससे कोविड के कारण वंचित रहे तीनों जिलों के बेरोजगारों को पुन: अवसर प्राप्त कर सके।

समाचार लिखे जाने तक संयुक्त पंचायत का धरना-प्रदर्शन जारी था। प्रबंधन, प्रशासन व संयुक्त पंचायत के बीच चर्चा का दौर जारी था, समाचार लिखे जाने तक कोई समाधान नहीं हुआ, वहीं एनएमडीसी के लौह अयस्क का उत्पादन गुरूवार की प्रथम पाली से ही बंद रहा, जिससे कंपनी को नुकसान हुआ।

संयुक्त पंचायत द्वारा कार्मिक निदेशक के नाम का ज्ञापन बचेली परियोजना को सौंपा गया। अपनी मांगों को गंभीरतापूर्वक विचार कर शीघ्र निर्णय करने की मांग की गई। स्ुरक्षा को लेकर स्थानीय पुलिस, सीआईएसएफ जवान मौजूद रहे।


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