दन्तेवाड़ा

एनएमडीसी कर्मियों की बेमुद्दत भूख हड़ताल जारी, लौह अयस्क उत्पादन प्रभावित
09-Mar-2025 11:18 PM
एनएमडीसी कर्मियों की बेमुद्दत भूख हड़ताल जारी, लौह अयस्क उत्पादन प्रभावित

‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता

बचेली/किरंदुल, 9 मार्च। लंबित वेतन समझौते सहित अन्य मांगों को लेकर ऑल इंडिया एनएमडीसी वर्कर्स फेडरेशन के तत्वावधान में दंतेवाड़ा के दोनों परियोजना किरंदुल व बचेली में चल रहे हड़ताल को रविवार को 11वां दिन हुआ।

किरंदुल परियोजना के सीआईएसएफ चेकपोस्ट पर दोनों श्रमिक संगठन इंटक की मेटल माईंस वर्कर्स व एटक की संयुक्त खदान मजदूर संघ अनिश्चितकालीन भूख हड़ताल पर है। पिछले 6 मार्च से सभी कर्मचारियों ने आवश्यक सुरक्षा नियमों के तहत ओव्हर टाइम पर नहीं जाने का निर्णय लिया गया है, जिसके कारण एनएमडीसी के लौह अयस्क का उत्पादन प्रभावित हो रहा है। लौह अयस्क के उत्पादन लक्ष्य में बाधा आ रही है। दोनों परियोजना में कर्मचारियों के मैनपॉवर की कमी है, सभी विभागों में ओव्हर टाइम देकर कार्य किया जा रहा था, ओटी नहीं जाने के कारण संयंत्र हो या माइनिंग में कार्य नहीं हो पा रहा है।

गौरतलब है कि वित्तीय वर्ष का यह महिना अंतिम है, इस समय पर उत्पादन अपने चरम पर रहता है।

चेकपोस्ट में पंडाल लगाकर प्रबंधन व सरकार के खिलाफ नारेबाजी करते अपनी मांगों को लेकर प्रदर्शन कर रहे है, कुछ कर्मचारी क्रमिक रूप से भूख हड़ताल पर बैठ रहे है।

माईनिंग में जाने वाली बसों को चेकपोस्ट में रोककर चेकपोस्ट पर नारेबाजी की जाती है। हड़ताल में बैठे कर्मियों का उत्साहवर्धन किया जा रहा है।

जानकारी के अनुसार वेतन समझौते से संबंधित फाइल इस्पात मंत्रालय में अटकी हुई है। श्रमिक संगठन का कहना है कि सरकार हम कर्मियों का वेज रिविजन करने के मूड में नहीं है। यह रिविजन वर्ष 2022 से लंबित है साथ ही कंपनी में कर्मचारी भर्ती को लेकर भी मंाग की जा रही है।

एनएमडीसी लौह अयस्क की अग्रणी कंपनी है इन अयस्को पर कई और सारे छोटे बड़े उघोग भी निर्भर है। साथ ही वित्तयी वर्ष 2024-25 में 50 मिलीयन टन लौह अयस्क का लक्ष्य रखा है, अंतिम माह मार्च में अधिक से अधिक उत्पादन की जरूरत है। अब ऐसे में देखना यह होगा कि यह आंदोलन कहां तक जाता है और आगामी दिनो मे और कौन सा रूप लेता है।


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