दन्तेवाड़ा

दंतेवाड़ा, 8 दिसंबर। महिला एवं बाल विकास विभाग द्वारा अंतरराष्ट्रीय महिला हिंसा उन्मूलन दिवस के उपलक्ष्य में दंतेवाड़ा जिले में 16 दिवसीय जागरूकता अभियान चलाया जा रहा है। इसी क्रम में विगत दिवस शास. दन्तेश्वरी महाविद्यालय दंतेवाड़ा में लिंग आधारित हिंसा समाप्ति हेतु कार्यक्रम का आयोजन किया गया।
कार्यक्रम में संरक्षण अधिकारी मनीषा ठाकुर द्वारा कार्यस्थल पर महिलाओं का यौन उत्पीडऩ (निवारण, प्रतिषेध और प्रतितोष) अधिनियम 2013 की जानकारी देते हुए बताया गया कि कोई भी कामकाजी महिला चाहे वह शासकीय, अर्ध शासकीय, निजी क्षेत्र का संगठन, शैक्षिक, मनोरंजन, स्वास्थ्य सेवायें, वित्तीय क्रियाकलाप कर रहा हो या दैनिक मजदूरी, घरेलू कर्मकार ये सभी महिलाएं इसके अंतर्गत आती हैं, यदि इनके साथ अपने कार्य के दौरान उनके उच्चाधिकारी या सहकर्मी द्वारा कोई लैंगिक कृत्य किया जाता है या ऐसे कृत्य की मांग की जाती है तब वह महिला आंतरिक शिकायत समिति या स्थानीय शिकायत समिति में शिकायत कर सकती है। या सी बॉक्स पोर्टल के माध्यम भी शिकायत कर सकती हैं।
घरेलू हिंसा से संरक्षण अधिनियम 2005 के विषय में बताया गया कि घरेलू हिंसा घर के अंदर होने वाला हिंसा है जो घर के किसी व्यक्ति द्वारा जो उस व्यथित महिला के रक्त संबंध में आता है व साझी गृहस्थी में निवास करता हो। घरेलू हिंसा शारीरिक, मौखिक व भावनात्मक, दहेज के लिए प्रताडि़त करना एवं आर्थिक रूप हो सकता है।
बाल संरक्षण ईकाई से काउंसलर शशीकांत झा द्वारा बाल अपराध व बच्चों के अधिकार, चाइल्ड हेल्पलाइन 1098, रेखा सिंह द्वारा सखी वन स्टॉप सेंटर में 05 दिन मिलने वाले अल्पकालीन सुविधाओं, स्थानीय शिकायत समिति अध्यक्ष पार्वती परिहार द्वारा मोबाइल से हो रहे साइबर क्राइम, प्रोफेसर अर्चना झा द्वारा बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ अभियान के विषय में बताया गया।
इसके अलावा महाविद्यालय के प्राचार्य व्याख्याताओं, बालक बालिकाओं एवं महिला बाल विकास के अधिकारी व कर्मचारियों द्वारा फलदार पौधों का रोपण एवं रैली एवं हस्ताक्षर अभियान किया गया। इस दौरान ग्राम पंचायत बालूद एवं बड़ेकारली की ग्रामीण महिलाएं, आंगनबाड़ी कार्यकर्ता, स्व सहायता समूह की महिलाएं उपस्थित रहीं।