दन्तेवाड़ा

राष्ट्रीय शिक्षा नीति पर दीक्षारंभ कार्यक्रम, नव प्रवेशित विद्यार्थियों को दी जानकारी
05-Aug-2024 9:34 PM
राष्ट्रीय शिक्षा नीति पर दीक्षारंभ कार्यक्रम, नव प्रवेशित विद्यार्थियों को दी जानकारी

‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता

दंतेवाड़ा, 5 अगस्त। आज गीदम स्थित ऑडिटोरियम जावंगा में राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 के संबंध में दीक्षारम्भ कार्यक्रम का आयोजन किया गया था। उक्त कार्यक्रम में राष्ट्रीय शिक्षा नीति की आवश्यकता, राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के मुख्य प्रावधान, पूर्व शिक्षा नीति और नयी शिक्षा  नीति में अंतर और इसके लाभ के संबंध में विस्तारपूर्वक जानकारी नव प्रवेशित विद्यार्थियों को दी गई।

कार्यक्रम में मुख्य अतिथि बोमड़ा कवासी, विशेष अतिथि आरती कवासी,  रेणु, ठाकुर, प्रार्चाय एके दीक्षित, सहायक प्राध्यापक सुरेन्द्र महला,सुरेश कुमार यादव, सुशांत ठाकुर,  निखिल देवांगन,विनोद कुमार पांडेय सहित छात्र-छात्राएं उपस्थित थे।

राष्ट्रीय शिक्षा नीति की आवश्यकता के बारे में बताया गया कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के अंतर्गत विद्यार्थियों के सर्वांगीण विकास का भाव लिए गुणवत्तापूर्ण शिक्षा के विषय संबंधित ज्ञान के साथ कौशल विकास, मूल्यपरक तथा रोजगारोन्मुखी शिक्षा की ओर उन्मुख किया गया है। इस नीति में सतत मूल्यांकन का प्रावधान है जिससे विद्यार्थियों के मानसिक ऊर्जा के साथ बौद्धिक क्षमता में भी वृद्धि होगी। सेमेस्टर आधारित पाठ्यक्रम होने के कारण विद्यार्थियों को परीक्षा का तनाव नहीं होगा। बहु-विषयक प्रणाली पर आधारित यह नीति विद्यार्थियों को उनकी इच्छानुसार दूसरे संकाय के विषयों का अध्ययन करने की स्वतंत्रता देती है। साथ ही पाठ्यचर्या में भारतीय ज्ञान पद्धति के समावेश के साथ पाठ्येत्तर गतिविधियों को भी पाठ्यक्रम में शामिल कर प्रौद्योगिकी के अनुकूलतम उपयोग पर बल दिया गया है।

 राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के लाभ

 कार्यक्रम में विद्यार्थियों को राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के लाभ के संबंध में बताया गया कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति के माध्यम से  विद्यार्थियों के सर्वांगीण विकास, मूल्य परक, कौशल विकास, क्षमता संवर्धन के साथ जेनेरिक इलेक्टिव विषय के अध्ययन से स्वरोजगार के अवसर में वृद्धि,करने पर फोकस किया गया है।  नयी राष्ट्रीय शिक्षा नीति विद्यार्थियों में आलोचनात्मक सोच को विकसित करने, डिजिटल साक्षरता के साथ रोजगार क्षमता एवं शारीरिक विकास को बढ़ावा देते हुए भविष्य की चुनौतियों के लिए छात्रों को तैयार करता है। इसके जरिये पूरे प्रदेश में समरूप शिक्षा होने से वनांचल एवं दूरस्थ क्षेत्रों के विद्यार्थियों की शिक्षा की मुख्यधारा से जुडं़ेगे।

कार्यक्रम के अंत में यह भी बताया गया कि इस वर्ष शासकीय आदर्श आवासीय महाविद्यालय जावंगा में छ.ग शासन, उच्च शिक्षा विभाग के आदेश एवं जिला प्रशासन की सहयोग से ’’फाइन आर्ट’’ की कक्षाएं प्रारंभ की जा रही है। जिसके अन्तर्गत बैचलर ऑफ परफॉर्मिंग (बी.पी.ए), ( स्वर संगीत,हिन्दुस्तानी, तबला, कथक, भरतनाट्यम, लोक संगीत) बैचलर ऑफ फाइन आर्ट्स (बी.एफ.ए.) ( पेंटिंग, ग्राफिक्स, मूर्तिकला) में स्नातक उपाधि दी जावेगी। इसके तहत प्रथम वर्ष में तीन विषय अनिवार्य होगें। जबकि द्वितीय वर्ष में तीनों में से कोई एक विषय चयन किया जा सकेगा।


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