‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
रायपुर,15 अक्टूबर। प्रदेश में इन दिनों सरकारी अधिकारियों पर हो रहे ईडी की छापेमारी को लेकर नेता प्रतिपक्ष नारायण चंदेल ने सीएम बघेल पर जमकर निशाना साधा। उन्होंने सीएम से इस्तीफे की मांग की है। कांग्रेस सरकार के अधिकारी आज पूरी तरह भ्रष्टाचार में लिप्त हो गए हैं।
शनिवार को पत्रकारों से चर्चा में कहा कि ईडी के प्रेस नोट ने छत्तीसगढ़ में हो रहे बड़े भ्रष्टाचार के रैकेट की पोल खोल दी है। कांग्रेस के शासन में छत्तीसगढ़ में आदिवासियों, किसानों और आम जनता का ,मेहनत का पैसा, भ्रष्टाचार की भेट चढ़ाया जाएगा। एक तरफ सरकारी योजनाओं को देने के लिए सरकार के पास पैसे नहीं है। और दूसरी तरफ सरकारी संरक्षण में भ्रष्टाचार ने अपनी सारी से सीमाएं लांघ दी है। यह छत्तीसगढ़ के इतिहास के लिए एक काला अध्याय हैं।
श्री चंदेल ने कहा बड़े दुर्भाग्य का विषय है कि कांग्रेस के शासन में भ्रष्टाचार के लिए पूरा रैकेट बनाया है। जिसमें बड़े नौकरशाह, व्यापारी ,राजनेता और बिचौलिए जुड़े है। कोयले से 25 रुपये प्रति टन की अवैध वसूली कर रहे है। मुनाफा कमा रहे हैं। 2 से 3 करोड रु जबरन वसूले जा रहे है।
श्री चंदेल ने ईडी के प्रेस नोट का हवाला देते हुए कहा ईडी ने करीब 4.5 करोड़ रुपये की बेहिसाब नकदी, सोने के आभूषण, सराफा और करीब दो करोड़ रुपये सामान जब्त किया है। भ्रष्टाचार करने के लिए नियम बदले गए कोयले के खदानों में ई-परमिट की पूर्व ऑनलाइन प्रक्रिया को खत्म किया गया।
चर्चा के दौरान धमतरी विधायक और प्रवक्ता रंजना साहू, केदार गुप्ता आदि भी मौजूद थे।
कांग्रेस का पलटवार
प्रदेश कांग्रेस संचार विभाग के अध्यक्ष सुशील आनंद शुक्ला ने कहा कि 15 साल तक भ्रष्टाचार कमीशन खोरी की सरकार चलाने वालों को हर जगह भ्रष्टाचार ही नजर आता है। छत्तीसगढ़ की जनता भूली नही है किस प्रकार प्रदेश में 15 सालों तक प्रशासनिक अराजकता का माहौल था। स्वयं मुख्यमंत्री कमीशन खोरी बन्द करने का संकल्प भाजपा नेताओं को दिलाते थे। गरीबो के राशन में प्रदेश का सबसे बड़ा 36000 करोड़ का नान घोटाला हो गया। पूर्व मुख्यमंत्री के पुत्र का पनामा पेपर में नाम आता था। अगुस्ता हेलीकाप्टर, डीकेएस अस्पताल घोटाले भाजपा के माथे के वह कलंक है जो कभी नही धुलेंगे ।
शुक्ला ने पूछा कि भाजपा के सांसद रमन सिंह के घोटालों की जांच के लिये ईडी को कब पत्र लिखेंगे। छत्तीसगढ़ से चिटफंड कंपनियां छ: हजार पांच सौ रू. की वसूली किया था यह सीधे जनता के साथ ठगी थी, क्या इसकी जांच नहीं होनी चाहिये? रमन सिंह खुद को पाक साफ मानते है तो अवैध मनी लांड्रिंग के इस बड़े गोरख धंधे की ईडी से जांच की मांग वे खुद क्यों नहीं करते? किस बात का भय उन्हें सता रहा है जनता जानना चाहती है, जिन कंपनियों का मुख्यमंत्री रहते उन्होंने प्रमोशन किया था वह यदि घपला कर फरार हो गयी है तो उस पर रमन सिंह मौन क्यों है? रमन सिंह जांच से घबरा क्यों रहे है? ईडी तो केंद्र की चहेती एजेंसी है। रमन सिंह ईडी से ही छत्तीसग? के चिटफंड घोटाले की जांच करवाने के लिये मोदी को पत्र लिखने का साहस दिखायें।
शुक्ला ने कहा कि यह तथ्य सार्वजनिक है कि मुख्यमंत्री रहते हुये वे खुद, उनकी पत्नी वीणा सिंह, उनके सांसद पुत्र अभिषेक सिंह चिटफंड कंपनियों के दफ्तरो का उद्घाटन करने अनेकों बार गये। उनके मंत्रिमंडल के सहयोगी मंत्री भी चिटफंड कंपनियों के कार्यालयों के उद्घाटन में शामिल होते थे। सरकारी रोजगार मेलों में चिटफंड कंपनियां युवाओं को एजेंट की भर्ती के लिये स्टॉल लगाती थी। इसके बाद यह सारी कंपनियां छत्तीसगढ़ के भोले-भाले लोगों की गाड़ी कमाई का पैसा लेकर फरार हो गयी तो क्या जनता के साथ हुई इस लूट में तत्कालीन सरकार और सरकार में बैठे हुये लोगों की सहभागिता नहीं मानी जायेगी? आखिर क्या मुख्यमंत्री, मंत्रिगण क्या सोच कर कंपनियों के उद्घाटन में जाते थे जिस कंपनी का प्रमोशन स्वयं मुख्यमंत्री, मंत्री, सांसद कर रहे है। उसके झांसे में जनता का आना स्वाभाविक है।
शुक्ला ने पूछा कि भाजपा के नेता कितना भी झूठ बोल ले लेकिन आज तक चार साल में कांग्रेस सरकार के उपर मुख्यमंत्री के ऊपर किसी भी मंत्री के ऊपर भाजपा 1 रु. के भी भ्रष्टाचार के प्रमाणिक आरोप नहीं लगा पाई है। भाजपा सरकार के 15 साल के मुख्यमंत्री और मंत्रियों की ईमानदारी से जांच करवा दी जाए तो रमन सिंह सहित उनका पूरा मंत्रीमंडल जेल की सलाखों के पीछे होगा।