‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
राजनांदगांव, 2 फरवरी। केंद्रीय बजट पर कांग्रेस ने तीखी प्रतिक्रिया में कहा कि कोरोना काल में सर्वाधिक प्रभावित गरीबों और मध्यमवर्गीय को बजट से कोई खास रियायत नहीं मिली। जबकि भाजपा ने कहा अर्थव्यवस्था को बजट से स्वाभाविक गति मिलेगी।
अर्थव्यवस्था को मोदी सरकार का वैक्सीन- संतोष

सांसद संतोष पांडेय ने बताया कि देश के पहले पेपरलेस बजट में स्वास्थ्य के क्षेत्र में 137 प्रतिशत तक की वृद्धि कोरोना वैक्सीन के लिए 35 हजार करोड़ का प्रावधान दर्शाता है कि मोदी सरकार लोगों के स्वास्थ्य के प्रति कितनी संवेदनशील है। आम नागरिकों पर किसी प्रकार का नया करारोपण न कर व देश के पेंशनधारी वरिष्ठ नागरिकों को आयकर रिटर्न से छूट प्रदान कर सभी वर्ग का ध्यान रखा है। सरकार ने इस बार देश में बुनियादे ढांचे के विकास, संपत्तियों का मुद्रीकरण और केंद्र व राज्य की बजट में पूंजीगत व्यय की प्रक्रिया में सुगमता व तेजी लाने पर जोर दिया है।
महंगाई और बेरोजगारी को बढ़ाने वाला बजट - कुलबीर

कांग्रेस शहर अध्यक्ष कुलबीर सिंह ने इस बजट को महंगाई और बेरोजगारी को बढ़ाने वाला कहा। केवल भाषण से देश की आर्थिक स्थिति में बदलाव नहीं होगा। बजट में युवाओं के लिए रोजगार की नीति का अभाव साफ झलक रहा है। इस तरह मोदी सरकार द्वारा निजीकरण को बढ़ावा देकर बेरोजगारों को और बदतर स्थिति में पहुंचाने पर आमाद नजर आ रही है। विकास दर सहित अन्य मुद्दों पर केंद्रीय बजट में स्पष्ट रोडमैप नहीं है। जिससे एक बार फिर जनता के हाथ निराशा लगी है। इसमें अर्थव्यवस्था को पटरी पर लाने की कोई योजना नहीं है। यह बहुत ही निराशाजक और प्रभावहीन बजट रहा।
साहसिक बजट - खूबचंद पारख
प्रदेश भाजपा उपाध्यक्ष खूबचंद पारख ने कहा कि केन्द्र की नरेन्द्र मोदी सरकार ने 2020-21 में साहसिक बजट पारित किया है। विश्व में कोरोना संक्रमण को लेकर जो भय का वातावरण बना हुआ है, उसमें यह बजट मील का पत्थर साबित होगा। केन्द्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण द्वारा अकेले स्वास्थ्य के क्षेत्र में यह बजट 94 हजार करोड़ रुपए से बढ़ाकर 2.23 लाख करोड़ रुपए किया जाना स्वास्थ्यगत चुनौतियां का डटकर मुकाबला जैसा है। वैश्विक महामारी कोविड-19 वैक्सीन विश्व के लिए एक बड़ा योगदान है। इस वैक्सीन के लिए 35 हजार करोड़ रुपए का प्रावधान अभूतपूर्व है।
पूंजीपतियों के लिए लाया गया बजट - हफीज

राज्य अल्पसंख्यक आयोग सदस्य हफीज खान ने केंद्रीय बजट पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते इसे पूंजीपतियों के लिए लाया गया बजट निरूपित किया। उन्होंने कहा कि बजट में गांव, गरीब, किसानों एवं शिक्षित बेराजगारोंं को राहत पहुंचाने कोई प्रावधान नहीं किया गया है। अच्छे दिन लाने का नारा देने वाली मोदी सरकार का यह बजट पूर्णत: निराशाजनक और हवा-हवाई है। देश में बढ़ती महंगाई, बेरोजगारी पर नियंत्रण के लिए भी कोई प्रावधान नहीं है, बल्कि इसमें सामाजिक क्षेत्रों के लिए कुछ भी नहीं है। केंद्रीय बजट जमीनी वास्तविकता से कोसों दूर है। इससे आम जनता में मायूसी देखी जा रही है।
समावेशी और मजबूत बजट है - गांधी

पूर्व सांसद प्रदीप गांधी ने केंद्रीय बजट को इस दशक का पहला बजट समावेशी विकास के साथ-साथ मजबूत बजट कहा। यह बजट प्रधानमंत्री की दूर-दृष्टि को परिलक्षित करता हुआ बजट है। रोजगार के नए अवसर पैदा करने लघु सूक्ष्म मंत्रालय का बजट दोगुना किया गया है। यह आत्मनिर्भर भारत, लोकल फॉर वोकल तथा मेक इन इंडिया को मजबूती देगा तथा युवाओं की शक्ति को नई दिशा देगा। यह बजट किसानों की आय को दोगुना करने के मार्ग में कृषि इफ्रास्ट्रकचरल फंड के माध्यम से इस क्षेत्र को मजबूती देगा। किसानों को आसानी से ऋण मिले तथा अधिक मिले इस हेतु कृषि का बजट साईज बढ़ाया गया है ।
मजदूर किसान के जख्मों पर नमक छिडक़ने वाला बजट - कमलजीत

प्रदेश कांग्रेस प्रवक्ता कमलजीत सिंह पिन्टू ने केंद्रीय बजट को मजदूर-किसान के जख्मों पर नमक छिडक़ने वाला बजट कहा। उन्होंने कहा कि इस बजट से रोजगार बढऩे की कोई संभावना नहीं दिखती है। यह बजट देश को कई वर्ष पीछे ले जाएगा। किसानों की समस्या पर एवं कृषि संसाधनों को बजट के कोई ऐसी बात नही रखी गई है। यह बजट किसान विरोधी एवं रोजगार विरोधी है। पिछले साल से चार लाख करोड़ बढ़ाया गया यह बजट न तो रोजगार दे सकता है न ही किसानोंं को भरपूर दाम देगा। विकास के मुद्दों को बजट में नजर अंदाज किया गया है। देश को आज सिंचाई व्यवस्था खेती के उत्पाद बढ़ाने की जरूरत है।
बजट से देश का होगा विकास - किशुन

नगर निगम नेता प्रतिपक्ष किशुन यदु ने केंद्रीय बजट को देश के लिए विकासोन्मुखी और विभिन्न क्षेत्रों में प्रगतिकारी सिद्ध होगा। इससे बच्चे, बुजुर्ग, गरीब, किसान और व्यापारी सभी का ध्यान रखा गया है। देश में 100 सैनिक स्कूल खोलने का निर्णय बहुत ही अच्छा निर्णय है। सैनिक स्कूलों के माध्यम से बच्चों में देश के प्रति समर्पण और अनुशासन पैदा किया जा सकेगा। साथ ही 75 वर्ष से अधिक उम्र के बुजुर्गों को अब आईटीआर नहीं भरना होगा। जिससे उन्हें इस उम्र में राहत मिलेगी।
सूत्र बेचो और राज करो - मेहुल

पूर्व लोकसभा युवा कांग्रेस अध्यक्ष मेहुल मारू ने कहा कि यह बजट नहीं भारतीय अर्थव्यवस्था की शवयात्रा है। मोदी सरकार के नए सूत्र बेचो और राज करो से आने वाले दिनों में महंगाई आसमान में चली जाएगी। मोदी सरकार एयरपोर्ट, सडक़ंे, बिजली ट्रांसमिशन लाइन, रेलवे कॉरिडोर, वेयरहाउस, गेल, इंडियन ऑयल की पाईप लाइन, बैंक, बीमा कंपनी और स्टेडियम को बेचेगी और सात बंदरगाह भी निजी हाथों में जाएंगे। जिससे निजी कंपनियों की मनमानी बढ़ेगी। जिसका सारा बोझ आम जनता पर आएगा। पेट्रोल पर 2.5 और डीजल पर 4 रुपए प्रति लीटर कृषि सेस लगाया गया। जिसका भार आम जनता को ही वहन करना होगा।
जीवन को सरल बनाने वाला बजट - दिनेश

पूर्व जिला पंचायत अध्यक्ष दिनेश गांधी ने इस बजट को कोरोना के बाद जीवन को सरल बनाने वाला कहा। उन्होंने कहा कि बजट में कोरोना वैक्सीन के लिए 35,000 करोड़ का प्रावधान मानव जीवन को सुरक्षित करने एवं पूर्व की भांति भय मुक्त मानव समाज के निर्माण की दिशा में बड़ी पहल है, क्योंकि जान है तो जहान है और जहां जान है वहीं विकास भी है।
किसान मंत्रालय को 131531 करोड़ की भारी भरकम राशि प्रदान कर मोदी सरकार ने किसानों के हितों और उसके भविष्य पर सरकार ने अपनी जिम्मेदारी की मुहर लगा दी है। जबकि शहरी क्षेत्रों में जल जीवन मिशन के लिए 2.8 लाख का प्रावधान कर सरकार ने एक बहुत बड़े वर्ग की आधारभूत आवश्यकता को पूरा करने का भी बड़ा बीड़ा उठाया है। जिसका परिणाम भविष्य में शानदार और अनुकरणीय होगा।
भारतीय इतिहास का पहला भ्रामक बजट - कुसुम दुबे

छग प्रदेश महिला कांग्रेस सचिव कुसुम दुबे ने कहा कि यह भारतीय इतिहास का यह पहला भ्रामक बजट है, क्योंकि उज्जवला योजना के कनेक्शनधारियों को हर माह सिलेंडर लेने की बाध्यता गरीबों की मितव्ययिता को समाप्त किया है, फिर उस योजना में नए लोगों को जोडऩे की बात सरकार की अर्थव्यवस्था की पोल खोल दी है।
किसानों को तीन काले कानून के जाल में फंसाकर आंदोलन की आग में जलाकर लागत का डेढ़ गुना देने के बात पूरी तरह से बेमानी है। रेल और बीमा को बेचने वाली भाजपा सरकार बीमा में जीएसटी लगाकर जनता को भार देते बीमा पर विश्वास से दूर किया है।
गरीब-किसानों का बजट - विवेक

भाजपा नेता विवेक साहू कहा कि केन्द्र की मोदी सरकार का यह आम बजट गांव, गरीब और किसानों का बजट है। बजट में शिक्षा, स्वास्थ्य, परिवहन और ईन्फाटक्चर पर जोर दिया। कृषि के क्षेत्र में माईक्रोईरीगेशन सिंचाई के लिए प्रावधान किया गया है। 100 सैनिक स्कूलों की स्थापना की है।
जय जवान जय किसान के नारा को बजट मे प्रमुखता से स्थान दिया है। कोरोनाकाल में बजट सबको संतुष्ट करना चुनौतीपूर्ण था, बावजूद इसके सर्वस्पर्सी बजट कहा जा सकता है। संतुलित, विकासोनमुखी बजट कहना अतिसंयोक्ती नहीं होगी।
सभी वर्ग का रखा गया ध्यान - कमल

भाजपा नेता कमल सोनी ने केंद्रीय बजट की प्रशंसा करते कहा कि इस बजट से आम नागरिकों पर किसी प्रकार का नया कर व बुजुर्गों को आयकर रिटर्न में छूट देकर सभी वर्ग का ध्यान रखा है।
सरकार ने इस बार अवसंरचना विकास को बढ़ावा देने देश में बुनियादी ढांचे के विकास, संपत्तियों का मुद्रीकरण और केंद्र व राज्य की बजट में पूंजीगत व्यय की प्रक्रिया में सुगमता व तेजी लाने के पर जोर दिया है।