पीडि़ता पहुंची थाने
'छत्तीसगढ़' संवाददाता
रायगढ़, 8 मई। रायगढ़ के पटेलपाली में स्थित एक निजी स्कूल वेदिक इंटरनेशनल में दो बच्चों को टीसी नहीं देने का सामने आया है।
इस मामले में तो पहले स्कूल प्रबंधन और स्कूल के मालिक ने पीडि़त परिवार के प्रति सहानुभूति दिखाई और 2 साल तक अपने स्कूल में बच्चों को रखा। अब पीडि़त परिवार को 6 लाख 15 हजार का बिल थमाकर पैसों की मांग की जा रही है। इसकी शिकायत पीडि़त परिवार ने थाना जूटमिल, जिला शिक्षा अधिकारी, पुलिस अधीक्षक रायगढ़ और कलेक्टर रायगढ़ से भी पत्राचार के माध्यम से की है। मामले की शिकायत जूटमिल थाना में पहुंचने के बाद जूटमिल थाना में स्कूल प्रबंधन के तरफ से स्कूल प्रिंसिपल, अकाउंटेंट और दो अन्य लोग पहुंचे थे।
जब इस मामले में स्कूल प्रबंधन से सवाल किया गया तो स्कूल प्रबंधन ने इस मामले से कुछ भी बोलने से इंकार कर दिया।
इस मामले में प्रियंका पाण्डेय पति स्व. विनय पाण्डेय ग्राम - टाड़ापारा, तह.-खरसिया, जिला रायगढ़ अपने शिकायत पत्र में कहा है कि मेरे दो बच्चें विभोर पाण्डेय और विशेष पाण्डेय जो कि वैदिक इंटरनेशनल स्कूल रायगढ़ (पटेलपाली) में पढ़ते है। विभोर पाण्डेय क्लास 9 वीं से 10 वीं गया है और विशेष पाण्डेय 7वीं से 8वीं गया है। मेरे पति विनय पाण्डेय का निधन 16 अक्टूबर 2023 को हो गया है। जिसके वजह से मैं और मेरे बच्चे का खर्च चलाने में ही असमर्थ हूँ।
वैदिक इंटरनेशल स्कूल की फीस बहुत ज्यादा है उसे देने में मैं असमर्थ हूँ। मेरे बच्चे का पढ़ाई में बहुत ज्यादा नुकसान हो चुका है। मार्च से स्कूल खुल चुका है इतने दिनों से उसका जो पढ़ाई में हानि हुई है। उसकी भरपाई कौन करेगा। वैदिक इंटरनेशनल स्कूल का जब से नया सेशन चालू हुआ है। तब से हम 10 से 15 बार स्कूल जा चुके हैं। स्कूल द्वारा न तो बच्चे का रिजल्ट दिया जा रहा है और न ही बच्चों को स्कूल में ही रखा गया है। वहां की प्राचार्य द्वारा बोला गया बिना फीस पटाये हम बच्चे को नहीं रख सकते हंै, आप अपने बच्चे को ले जाये । इस प्रकार बोल कर बच्चे को स्कूल में नहीं रखा गया। हम बोले -ठीक है, चेयरमैन सर से बात कर ले तब तक पढऩे दीजिए, लेकिन प्राचार्य द्वारा बेइज्जती की गई कि चेयरमैन सर आनंद अग्रवाल जी का आर्डर है।
टीसी के लिए मैंने दूसरे दिन आवेदन दिया। उन्होंने कहा नोड्यूज लगेगा। वहां का साहू बाबू जी ने नोड्यूज देने से मना कर दिया, उसके बाद हम फिर प्राचार्य मैडम के पास गये है, तो उन्होंने भी टी.सी. नहीं दिया। आपका मामला चेयरमैन से होगा. बोली। डेट पे डेट दिये जा रहे हैं, पर चेयरमैन सर न मिल रहे है, न मेरे बच्चे को पढऩे दे रहे है और न ही टी.सी. दे रहे हंै। चेयरमैन सर को कॉल करने पर फोन उठा नहीं रहे हंै, मंैने कई बार मैसेज की कि सर प्लीज मेरे बच्चे का भविष्य का सवाल है पर उन्होंने कोई रिसपॉन्स नहीं दिया। जिस वजह से मुझे मानसिक टेंशन बहुत ज्यादा हो गया है।