राजनांदगांव
90 के दशक में भाजपा की महिला राजनीति को दी मजबूती
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
राजनांदगांव, 8 मई। 90 के दशक में भाजपा की महिला मोर्चा को मजबूती देने सक्रिय रही वरिष्ठ महिला नेत्री सुनीता कोठारी कोरोनाग्रस्त होने के चलते जिंदगी की जंग हार गई। वह भाजपा के कोषाध्यक्ष सौरभ कोठारी की माता थी।
श्रीमती कोठारी भाजपा के बुरे दौर में महिला राजनीति को गति देने वाली प्रमुख नेत्रियों में से एक थी। 90 के दशक में भाजपा के प्रति महिलाओं का रूझान नाममात्र था। ऐसे हालत में श्रीमती कोठारी ने 1998 में खैरागढ़ विधानसभा में भाजपा के अधिकृत प्रत्याशी के रूप में चुनावी मैदान में उतरकर देवव्रत सिंह को कड़ी टक्कर दी। इस चुनाव में देवव्रत बमुश्किल 2800 वोट से ही जीतने में कामयाब हुए। वैसे श्रीमती कोठारी जिला भाजपा महिला मोर्चा की अध्यक्ष भी रही है। साथ ही वह एक दशक तक प्रदेश महिला मोर्चा की सदस्य भी रही।
राजनीतिक रूप से उन्हें 1998 के चुनाव में कड़ा मुकाबला करने की वजह से संगठन में महत्व मिला। हालांकि उनके पति कोमल कोठारी भी खैरागढ़ विधानसभा से भाजपा से दो बार और 1990 में जनता दल से गठनबंधन के चलते निर्दलीय चुनाव लड़े।
श्रीमती कोठारी कुछ दिन पहले कोरोना से ग्रसित होने के बाद तबियत खराब हुई। उन्हें गंभीर हालत में राजधानी रायपुर स्थित रामकृष्ण केयर हास्पिटल में भर्ती कराया गया। इसके बावजूद उनकी जान नहीं बच पाई। इधर श्रीमती कोठारी के निधन पर पूर्व मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह, पूर्व सांसद अभिषेक सिंह, जिलाध्यक्ष मधुसूदन यादव, खूबचंद पारख, लीलाराम भोजवानी, अशोक शर्मा, सचिन बघेल समेत अन्य वरिष्ठ नेताओं ने गहरा दुख व्यक्त किया। कोविड-19 प्रोटोकाल के तहत शुक्रवार को उनकी अंत्येष्टि की गई।