सरगुजा

एलुमिनियम प्लांट खुलने का स्थानीय लोगों में विरोध नहीं, भाजपा नेताओं ने भडक़ाया था-प्रदीप
13-Apr-2021 2:48 PM
एलुमिनियम प्लांट खुलने का स्थानीय लोगों में विरोध नहीं, भाजपा नेताओं ने भडक़ाया था-प्रदीप

प्लांट खुलने से रोजगार, अस्पताल-स्कूल खुलेंगे 

‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
अम्बिकापुर, 13 अप्रैल।
सरगुजा जिला के बतौली विकासखंड के चिरंगा में प्रस्तावित एलुमिनियम प्लांट खुलने का स्थानीय लोगों में विरोध नहीं है। जनसुनवाई में गांव के 80 प्रतिशत जनता ने फैक्ट्री खोलने का समर्थन करते हुए सहमति दीया है। भाजपा के कुछ नेताओं द्वारा जन सुनवाई पूरी होने के बाद कुछ लोगों को जबरन भडक़ा कर माहौल बिगाड़ा गया। भाजपा के नेता नहीं चाहते कि क्षेत्र में का विकास हो,यहां के लोगों को रोजगार मिले, अच्छी शिक्षा, स्वास्थ्य सुविधा और गांव शहर में तब्दील हो। अपना निजी स्वार्थ साधने के लिए जनसुनवाई में षडयंत्र पूर्वक भाजपा के नेताओं ने विरोध कराया जो गलत है। उक्त बातें बतौली जनपद उपाध्यक्ष प्रदीप गुप्ता ने ‘छत्तीसगढ़’ से चर्चा करते हुए कहा।

श्री गुप्ता ने आगे बताया कि यह वहीं भाजपा नेता है जो 2005 में प्रोफेसर गोपाल राम की अगुवाई में काराबेल में हड़ताल कर मांग कर रहे थे कि मैनपाट में बॉक्साइट का खनन उसी शर्त पर करने देंगे जब यहां उद्योग लगाया जाएगा, लोगों को रोजगार दिया जाएगा। इन्हीं भाजपा नेताओं की मांग पर वर्ष 2006 में बतौली विकासखंड के चिरंगा में एलुमिनियम रिफाइनरी लगाना प्रस्तावित था। आज जब उसके लिए जनसुनवाई की जा रही है तो भाजपा समर्थित नेताओं द्वारा अपना स्वार्थ साधने ओछी राजनीति कर लोगों को भडक़ा रहे हैं।

हजारों लोगों को मिलेगा रोजगार, अस्पताल व स्कूल खुलेंगे 
जनपद उपाध्यक्ष प्रदीप गुप्ता ने बताया कि चिरंगा में अगर एल्मुनियम प्लांट खुला तो लगभग 1200 से अधिक लोगों को कंपनी में रोजगार मिलेगा। सर्व सुविधायुक्त अस्पताल व प्राइवेट स्कूल खुलेंगे जिससे यहां के स्थानीय लोगों को इसका काफी लाभ मिलेगा।यहां रोजाना 100 से 200 बाकसाईड वाहनों का परिवहन लगा रहेगा, जिसके कारण होटल,ढाबा,किराना दुकान,पंचर दुकान सहित कई व्यवसाय खुलेंगे और लोगों को रोजगार मिलेगा।

गौरतलब है कि ग्राम पंचायत चिरंगा में चट्टान मद की भूमि फैक्ट्री के लिए मेसर्स मां कुदरगढ़ी एलुमिना रिफाइनरी चिरंगा में प्रस्तावित ग्रीन फील्ड एलुमिना रिफायनरी कग्रीनेएस पावर प्लांट के पर्यावरण स्वीकृति के लिए 12 अप्रैल को जनसुनवाई की स्वीकृति पर्यावरण मंडल द्वारा मिली थी। जिसकी अधिसूचना पर्यावरण वन व जलवायु मंत्रालय के सरकुलेट 2006 में जारी किया गया था।फैक्ट्री लगने के लिए जनसुनवाई में ग्राम पंचायत चिरंगा सहित माजा, झररगांव, लैगू, करदना, पहाड़ चिरगा सहित अन्य ग्राम के लोग शामिल हुए थे।

राजनीति के कारण सरगुजा में एक भी बड़ा उद्योग नहीं है स्थापित
आदिवासी बाहुल्य सरगुजा क्षेत्र में दो प्रमुख पार्टियों के राजनीति के कारण आज तक यहां कोई बड़ा उद्योग स्थापित नहीं हो पाया है।आज भी यहां के लोग बिलासपुर, रायपुर, भिलाई सहित दीगर प्रांतों में जाकर फैक्ट्री में काम करते हैं और अपना जीवन निर्वहन करते हैं। सरगुजा की बात करें तो यहां अपार खनिज संपदा है। इसके बावजूद यहां मैनपाट से बॉक्साइट परिवहन एवं उदयपुर परसा केते माइंस से कोल परिवहन होता है। बड़े उद्योग के नाम पर यहां कुछ भी नहीं है, जिससे लोगों को यहां रोजगार मिल सके। एक-दो उद्योग लगे भी तो राजनीति के कारण कंपनी को अपना बोरिया बिस्तर समेट कर जाना पड़ गया, जिसका खामियाजा आज तक सरगुजा की जनता भुगत रही है।

अन्य पोस्ट

Comments

chhattisgarh news

cg news

english newspaper in raipur

hindi newspaper in raipur
hindi news