सरगुजा
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
अम्बिकापुर, 3 मार्च। कोविड-19 ने जहां जनजीवन अस्त-व्यस्त कर रखा है, वहीं बच्चों की शिक्षा भी अधर में लटक रही है। शिक्षा से वंचित रहने वाले बच्चों हेतु शासन और शिक्षकों ने मिलकर तरह-तरह के नवाचार अपनाए हैं, ताकि बच्चों का भविष्य अंधकार मय होने से बच जाए। इसी प्रयास में कक्षा पहली और दूसरी के बच्चों में निर्धारित दक्षता विकास हेतु संचालित नवाचार महिलाओं की अनोखी पहल ‘अंगना मा शिक्षा’ कार्यक्रम इन दिनों जोरों पर है।
शिक्षिकाएं कक्षा पहली व दूसरी में प्रवेश लेने वाले बच्चों की शाला पूर्व तैयारी के लिए माताओं को पढ़ाने के गुर सिखाएंगी। सीतापुर विकासखंड में भी ब्लॉक की लगभग 121 महिला शिक्षिकाओं को माता मेला मड़ई का आयोजन बीआरसी कार्यालय में करके दिखाया गया। इस मेला में माताओं के सामने उनके बच्चों की दक्षताओं का प्रथम आंकलन कर अंतिम आकलन हेतु तैयार करने की गतिविधियां सुझाई गई, साथ ही उन्हें सपोर्ट कार्ड, वर्क-पुस्तिका भी दी गई जिसकी सहायता से वे अपने बच्चों को घर पर ही पढऩा, लिखना, बोलना, समझना, स्वच्छता, प्रारंभिक भाषाई, गणितीय कौशल एवं आकृतियों ,वर्गीकरण के कौशलों में घरेलू संसाधनों से निपुण करेंगी। इस कार्यक्रम में प्राथमिक शाला सीतापुर के 10 बच्चों का प्रथम आकलन किया गया।
कार्यक्रम में उपस्थित शिक्षा विभाग के मुखिया वि.खंड शिक्षा अधिकारी मिथिलेश सिंह सेंगर ने कहा कि बच्चों की प्रथम गुरु मां होती है।बच्चा जीवन की हर कला मां से सीखता है, इस जिम्मेदारी को माताएं बखूबी निभाएंगी।बीआरसी महेश ठाकुर ने सभी शिक्षकों को पूरे लग्न एवं उत्साह के साथ कार्यक्रम को सफल बनाने हेतु प्रेरित किया । दोनों अधिकारियों ने शिक्षकों को कार्यक्रम की सफलता हेतु अग्रिम शुभकामनाएं प्रेषित की।
इस अवसर पर ब्लाक के सीएसी जगन बीसी, पवन गुप्ता, उमेश मिश्रा, संतोष सिंह चमरू पैकरा, मिथिलेश रत्नाकर, विनय भारती और राज्य स्तर से प्रशिक्षण प्राप्त मास्टर ट्रेनर अनिता तिवारी ब्लाक टीम शक्ति गुप्ता,प्रिया गुप्ता ,करूणा यादव एवं साथी संग उपस्थित रहीं।