बिलासपुर
नही मिल रहीं सवारियां, यात्री भी हो रहे परेशान
ट्रेनें गुजरती हैं, रूकती नहीं, बिलासपुर से गाड़ी पकडऩा मजबूरी
रामनारायण यादव
करगीरोड (कोटा) , 7 जनवरी (छत्तीसगढ़ संवाददाता)। लॉकडाउन के बाद से ऑटो चालकों की हालत खराब हो गई है। उन्हेें सवारियां नहीं मिल रही हैं, यात्री भी हो रहें परेशान
ज्ञात हो कि 22 मार्च 2020 से करगीरोड रेलवे स्टेशन में यात्री ट्रेनों का आवागमन पूरी तरह से बंद है, तब से लेकर वर्तमान स्थिति में रेलवे स्टेशन पूरी तरह से यात्री ट्रेनों के ठहराव के बिना सूनसान पड़े हुए हैं, केवल मालगाडिय़ों का ही आवागमन हो रहा है, कुछ मालगाड़ी करगी रोड के स्टेशनों में खड़ी दिखाई भी देती हैं। कोरोना-काल के दौरान करगीरोड रेलवे स्टेशन में कुछ कामकाज भी हुए हैं, जैसे कि नई स्टील कुर्सी लग गई, ओवर-ब्रिज की रिपेयरिंग हो गई, मोबाईल चार्जर पाइंट लगा दिए गए, स्टेशन के बाहर पब्लिक-टॉयलेट बना दिए गए, इसके अलावा अन्य कार्य भी रेल्वे विभाग के द्वारा कराए गए। अब इन सुविधाओं का लाभ यात्रियों को तभी मिलेगा, जब पूर्व की तरह ट्रेनों का ठहराव यहां पर होगा।
कोरोना की रफ्तार वर्तमान में कम होने के बाद जिन ट्रेनों का करगीरोड रेलवे स्टेशन में स्टॉपेज रहता था, उन यात्री ट्रेनों को कोरोना का हवाला देते हुए स्पेशल ट्रेन बनाकर चलाया जा रहा है।
वर्तमान में ट्रेनों का परिचालन बिलासपुर- उसलापुर रेलवे स्टेशन से किया जा रहा है, अगर करगीरोड के यात्रियों को ट्रेन में सफर करना है, जिन ट्रेनों का करगीरोड रेलवे स्टेशन में स्टॉपेज रहता था जैसे कि अमरकंटक सुपरफास्ट सारनाथ एक्सप्रेस, दुर्ग अंबिकापुर, इंदौर बिलासपुर यह सभी ट्रेनें स्पेशल ट्रेन के रूप में चलाई जा रही है, जो कि उसलापुर और बिलासपुर से ही परिचालन किया जा रहा है, वर्तमान में ये सभी ट्रेनें करगीरोड स्टेशन से गुजरती है, रुकती नहीं है।
बिलासपुर सांसद अरुण साव ने कहा कि देश की संसद में करगीरोड रेलवे स्टेशन में एक्सप्रेस ट्रेनों के ठहराव के लिए जोर-शोर से आवाज बुलंद की थी, पर कोरोनाकाल के कारण ये मुद्दा पूरी तरह से ठंडे बस्ते में चला गया। हालत अब ये हो गए हंै, कि जिन ट्रेनों का ठहराव होता था, वो भी ट्रेनें अब कोविड-स्पेशल बनकर इसी करगीरोड से गुजरती हैं, पर रुकती नही ंहै।
लॉकडाउन के बाद 10 महीनों से करगीरोड रेल्वे स्टेशनों में ट्रेनों के बंद होने के बाद ऑटो संचालकों की माली हालत दिन-ब-दिन दयनीय होते जा रही है, इससे पहले प्रदेश के मुख्यमंत्री और परिवहन मंत्री के नाम आर्थिक मदद हेतु डीजल पेट्रोल-डीजल-ऑटो संघ के द्वारा ज्ञापन भी सौंपा जा चुका है, पर इन लोगों को किसी भी प्रकार से कोई भी आर्थिक मदद नहीं मिल पाई है।
डीजल ऑटो संघ के संरक्षक प्रगट सिंह ने बताया कि पिछले 10 महीने से डीजल पैट्रोल-ऑटो संचालकों की हालत काफी खराब हो चुकी है। प्रदेश सरकार सहित जिला प्रशासन या फिर जनप्रतिनिधियों से किसी भी प्रकार की कोई भी आर्थिक मदद नहीं मिल पाई है। कोरोना की रफ्तार कम होने के बाद गाडिय़ों का परिचालन तो शुरू हो गया है, पर लॉकडाउन के बाद से सभी गाडिय़ा खड़ी रही, गाडिय़ों का इंश्योरेंस खत्म हो गया है, बिना इंश्योरेंस के परमिट जारी नहीं हो रहा है, आर्थिक रूप से काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है।