‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
दुर्ग, 28 मार्च। पूरे परिवार का स्वास्थ्य सुरक्षा बीमा करवाने एवं उसकी प्रीमियम राशि अदा करने के बावजूद जब परिवादी की पत्नी की तबीयत खराब हुई, तब परिवादी के क्लेम को इंश्योरेंस कंपनी द्वारा निरस्त कर दिया गया। इससे परेशान होकर परिवादी ने अपने अधिवक्ता के माध्यम से प्रबंध निर्देशक, विधिक अधिकारी एचडीएफसी एरगो जनरल इंश्योरेंस कंपनी मुंबई तथा स्पर्श मल्टी स्पेशलिस्ट हॉस्पिटल श्रीराम मार्केट सिरसा रोड के प्रोपराइटर के खिलाफ जिला उपभोक्ता विवाद प्रतितोष आयोग दुर्ग में परिवाद दायर किया था। जिला उपभोक्ता फोरम के अध्यक्ष संतोष कुमार तथा सदस्य संध्या बाजपेयी एवं नीलू ठाकुर की फोरम ने अपना फैसला सुनाया है।
फोरम ने प्रबंध निदेशक एचडीएफसी एरगो जनरल इंश्योरेंस कंपनी मुंबई को आदेश दिया कि वह परिवादी मुकेश तिवारी को इलाज की रकम 16 ,979 रुपए अदा करें। उक्त राशि पर 6 फीसदी ब्याज भी अदा करें। मानसिक क्षतिपूर्ति के रूप में 2000 रुपए तथा परिवादी को वाद व्यय के रूप में 3000 रुपए अदा करें।
पुलिस लाइन सेक्टर 6 भिलाई निवासी वर्तमान में तालपुरी भिलाई में रहने वाले परिवादी मुकेश तिवारी ने अपने पूरे परिवार अर्थात् पत्नी रेखा तिवारी व बेटी रिदिमा तिवारी का एचडीएफसी एरगो जनरल इंश्योरेंस कंपनी की स्वास्थ्य सुरक्षा बीमा पॉलिसी 31 मार्च 2019 से 30 मार्च 2020 तक की अवधि के लिए लिया था और उसकी प्रीमियम राशि 16,663 रुपएअदा भी किये थे।
आवेदक मुकेश ठाकुर की पत्नी रेखा तिवारी की 20 जून 2019 को सिर दर्द की शिकायत एवं तबीयत खराब होने पर उसे स्पर्श मल्टी स्पेशलिस्ट हॉस्पिटल श्रीराम मार्केट सिरसा रोड सुपेला में भर्ती किया गया था जहां प्राथमिक जांच के दौरान 520 रुपए तथा संपूर्ण इलाज में 16,459 रुपए जमा कर उसे डिस्चार्ज करवाया गया था।
परिवादी मुकेश तिवारी ने इंश्योरेंस कंपनी को इसकी सूचना दे दी थी इसके बावजूद 24 जून 2019 को इंश्योरेंस कार्यालय से फोन से बताया गया कि पत्नी रेखा तिवारी के सिर दर्द की शिकायत 2 वर्ष पुरानी होने के कारण बीमा का लाभ नहीं मिलेगा।
जानकारी होने पर मुकेश तिवारी ने डॉ. अनूप गुप्ता से बात की और बताया कि 2 दिन पूर्व के सिर दर्द को 2 साल लिख दिया जाने के कारण मेडिक्लेम की राशि प्रदान नहीं की जा रही है। इस पर डॉक्टर अनूप गुप्ता ने त्रुटिवश हुई गलती को सुधार कर लिखकर परिवादी को दे दिया था। इसके बावजूद भी क्लेम को निरस्त कर दिया गया था।