‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
पिथौरा, 24 मार्च। एक उद्योगपति द्वारा खुलेआम तालाब में कब्जा करने से अन्य ग्रामीण भी अब सूख रहे तालाब में अपने मकान बनाने लगे हैं। लिखित शिकायत के बाद भी कार्रवाई नहीं होने से लोगों में रोष है।
नगर एवं लखागढ़ तालाब में एक उद्योगपति द्वारा आचार संहिता के दौरान तेजी से एक और दुकान बना लेने से अब तालाब किनारे अन्य लोग भी तेजी से कब्जा करने जुट गए हंै। ज्ञात हो कि उक्त उद्योगपति द्वारा वर्तमान में बनायी गयी दुकान विगत दो वर्ष पूर्व भी बनाई गई थी जिसे स्थानीय तहसीलदार द्वारा जमींदोज की गई थी।
ग्राम लखागढ़ की युवा समिति ने स्थानीय तहसील कार्यालय में एक लिखित शिकायत में बताया है कि लाखागढ़ के एक मात्र निस्तार तालाब का अस्तित्व अब खतरे में पड़ता जा रहा है। पूर्व में तालाब एवं घास भूमि पर लाखागढ़ में ट्रैक्टर ट्रॉली एवं स्टील फेब्रिकेशन बनाने का उद्योग चलाने वाले एक उद्योगपति ने करीब 16 दुकानें बना कर उन्हें किराये पर दे दिया है, परन्तु प्रशासनिक कार्रवाई नहीं होने से इस उद्योगपति ने बुलन्द हौसलों के साथ तालाब की ही भूमि पर पुन: एक और दुकान बना ली है।
एक उद्योगपति द्वारा खुलेआम तालाब में कब्जा करने से अन्य ग्रामीण भी अब सूख रहे तालाब में अपने मकान बनाने लगे हैं, जिससे आगामी दो-चार वर्षों के भीतर ही तालाब का रकबा आधा हो जाएगा, जिससे निस्तार के लिए भी ग्रामीण तरसने लगेंगे।
उक्त मामले में ग्राम पंचायत लाखागढ़ में सक्रिय युवा समिति ने संयोजक पोमल एवं तारेंश कोसरिया के नेतृत्व में स्थानीय तहसीलदार एवं एसडीएम को एक शिकायत पत्र के माध्यम से तालाब से अतिक्रमण हटा कर तालाब को आवश्यक निस्तार सेवा के लिए आरक्षित कर कब्जा करने एवं ग्रामीणों को कब्जा करने के लिए उकसाने वाले उद्योगपति पर कठोर कार्रवाई करते हुए तत्काल अतिक्रमण हटाने की मांग की है।
उन्होंने चेतावनी दी कि यदि प्रशासन शीघ्र ही उक्त अवैध निर्माण नहीं हटाता, तब युवा समिति आंदोलन के लिए बाध्य होगी।