‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
रायपुर, 23 मार्च। नया शिक्षा सत्र शुरू होने वाला है और उससे पहले स्कूल प्रबंधन विद्यार्थियों और अभिभावकों की जेब कटिंग की तैयारी में जुट गए हैं। सरकार से मिलने वाली प्रबंधन मुफ्त की किताबों के भी पैसे वसूलते हैं इसलिए अभिभावक सचेत जागरूक रहे और किताबों का भुगतान न करें उल्टे उनसे मुफ्त की ही किताबे मांगे।
कांग्रेस प्रवक्ता विकास तिवारी ने एक बयान में बताया कि छत्तीसगढ़ माशिमं, जिला शिक्षा अधिकारी से मान्यता प्राप्त नर्सरी से से पांचवी और आठवीं संचालित प्राइवेट स्कूल मालिक और स्कूल शिक्षा विभाग के घूसखोर अधिकारियों की मिली-भगत से छात्रों के हितों से खिलवाड़ करके उनके माँ-बाप से मोटे पैसे वसूले जा रहे है। इससे बचने माता पिता यह समझे कि कोई भी प्राइवेट स्कूल जो सीजी बोर्ड से मान्यता प्राप्त है उनमे पढऩे वाले छात्रों को कक्षा पहली से कक्षा दसवीं तक की पाठ्य पुस्तक "नि:शुल्क" में दी जाती है। किराए के मकानों,कोचिंग सेंटर की बिल्डिंगों में संचालित इंग्लिश स्कूल सीजी बोर्ड से मान्यता प्राप्त है।इनमे फ्री की ही पुस्तकें पढ़ानी है,पर स्कूल माफिया माता पिता को 4500/- से 6500/- तक की पुस्तकेे लेने दबाव बनाते हैं जो ग़ैर क़ानूनी है।
तिवारी ने मुख्यमंत्री ( शिक्षामंत्री) विष्णुदेव साय और एबीवीपी,भाजयुमो के छात्र नेताओं से कहा है कि इस फर्जीवाडा को तत्काल रोके और इन स्कूलों पर कड़ी कार्यवाही करवाए।
जिन निजी स्कूलों की मान्यता सीजी बोर्ड से है उनमे नि:शुल्क पाठ्य पुस्तक पढ़ाए जाएं। और
जिन स्कूल की मान्यता केंद्रीय बोर्ड से है उसमें एनसीईआरटी की पुस्तकें पढ़ाई जाएं।