अं. चौकी नपं में भाजपा के पवन गुप्ता बने उपाध्यक्ष
पर्यवेक्षकों ने की प्रदेश नेतृत्व से विधायक की शिकायत
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
राजनांदगांव, 20 मार्च। मोहला-मानपुर जिले के एकमात्र अंबागढ़ चौकी नगर पंचायत में उपाध्यक्ष पद कांग्रेस विधायक भोलाराम साहू के अडिय़ल रवैये की वजह से भाजपा के खाते में चला गया।
बताया जाता है कि विधायक के हठीले व्यवहार के कारण कांग्रेस की उपाध्यक्ष पद पर लगभग जीत तय थी। विधायक ने पार्टी के अधिकृत पर्यवेक्षकों से मुलाकात करना भी जरूरी नहीं समझा। पार्टी के अधिकृत पर्यवेक्षक शाहिद भाई और थानेश्वर पाटिला विधायक समेत उनसे जुड़े कांग्रेस पार्षदों का इंतजार करते रहे, लेकिन पार्टी के निर्देशों का माखौल उड़ाते विधायक साहू ने सीधे अपने समर्थक रितेश मेश्राम को नामांकन दाखिल करा दिया।
इस तरह वहां कांग्रेस से अलग होकर चुनाव लड़े अध्यक्ष अनिल मानिकपुरी और उनके दो पार्षदों ने मन मारकर भाजपा के पवन गुप्ता के समर्थन में वोट कर दिया। उनके इस वोट की बदौलत भाजपा की वहां जीत हो गई।
उधर, पूरी घटनाक्रम से नाराज पर्यवेक्षकों ने विधायक भोलाराम साहू के हरकतों को लेकर प्रदेश अध्यक्ष दीपक बैज को मौखिक रूप से जानकारी दी। बताया जा रहा है कि बैज ने पर्यवेक्षकों को एक विस्तृत रिपोर्ट बनाकर भेजने के निर्देश दिए हैं।
ऐसा माना जा रहा है कि आज-कल में पर्यवेक्षक अपनी रिपोर्ट बनाकर प्रदेश नेतृत्व को सौंपेंगे। यह भी खबर है कि पूरी घटनाक्रम की जानकारी प्रदेश प्रभारी सचिन पायलट को भी दी गई है। विधायक साहू मनमाफिक तरीके से कार्य किया। परिणामस्वरूप कांग्रेस को उपाध्यक्ष पद से हाथ धोना पड़ गया।
बताया जा रहा है कि नगर पंचायत अध्यक्ष मानिकपुरी कांग्रेस को समर्थन देने के लिए तैयार थे। उपाध्यक्ष पद के चुनाव से पूर्व जिला संगठन प्रभारी आफताब आलम से भी उन्होंने सहयोग कर उपाध्यक्ष पद के लिए सहमति जाहिर कर दी थी। ऐसे में भोलाराम साहू ने कांग्रेस के खिलाफ चाल चलकर पार्टी को तगड़ा झटका पहुंचाया है।
विधायक के रवैये से हतप्रभ पर्यवेक्षकों ने नाराजगी जाहिर करते प्रदेश नेतृत्व को पूरी जानकारी दी है। बताया जा रहा है कि भोलाराम साहू के खिलाफ उनके रवैये से अंबागढ़ चौकी क्षेत्र के कांग्रेसियों में नाराजगी बढ़ी है। विधायक के खिलाफ उनके विरोधियों ने राजधानी तक मोर्चा खोल दिया है।
बहरहाल, अं. चौकी में कांग्रेस की जीत तय होने के बावजूद विधायक ने संगठन की तैयारी को दरकिनार कर पार्टी की फजीहत कराने में कोई कसर नहीं छोड़ी।