‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
महासमुंद,17 फरवरी। आरटीआई कार्यकर्ता विनोद दास ने आरोप लगाया है कि जिले के बसना क्षेत्र स्थित ग्राम पंचायत बिजेमाल में शासन से प्राप्त 13वें वित्त एवं 14वें वित्त योजना मद राशि में जमकर भ्रष्टाचार हुआ है। इसकी शिकायत के बाद जांच के लिए कलेक्टर महासमुंद नेे जिला पंचायत को आदेश दिया था। इसके बाद जिला पंचायत ने जनपद पंचायत को चिट्ठी लिखी थी। इस चिट्ठी के परिपालन में जनपद पंचायत पिथौरा ने जांचकर्ता अधिकारियों को 3 दिवस में जांच रिपोर्ट प्रस्तुत करने का आदेश दिया। लेकिन आज तीन साल बीत गये। इस मामले की जांच पूरी ही नहीं हो पाई है। बिजेमाल के तत्कालीन सरपंच और सचिव से मिलीभगत करके जांचकर्ता अधिकारी व्यस्तता की बात कह रहे हैं।
विनोद कुमार दास के अनुसार-मैंने ग्राम पंचायत बिजेमाल का 13 वित्त एवं 14 वित्त योजना सहित अन्य मद में हुए अनियमितता की लिखित शिकायत वर्ष 2021 में कलेक्टर महासमुंद को किया था। जिसमें जनपद पंचायत पिथौरा के गुलाब प्रसाद सामल, डीएल बरिहा एवं सुभाष प्रधान को जांचकर्ता अधिकारी नियुक्त किया गया था। इन तीनों की एक जांच दल गठित किया गया था। जिन्हें 3 दिवस में जांच करके जांच प्रतिवेदन प्रस्तुत करने का स्पष्ट आदेश मिला था। लेकिन ये जांचकर्ता अधिकारियों ने जानबूझकर वरिष्ठ अधिकारियों के आदेशों का पालना नहीं किया। अत: तीन साल मामला ठंडे बस्ते में है।
श्री दास का कहना है कि तात्कालीन सरपंच हसीना बानो के कार्यकाल में जमकर भर्राशाही हुई है। उनके पति हमीद ने भी ग्राम पंचायत मद से राशि से भुगतान किया है। जो छग पंचायती राज अधिनियम के घोर विपरीत है। कागजी रिकार्ड में तो फ र्म दर्शाया गया है। लेकिन जमीनी हकीकत में वह फर्म मौजूद नहीं है। तात्कालीन पंचायत सचिव के द्वारा इस अवधि का सम्पूर्ण बिल बाउचर भी नये पदस्थापना में आए पंचायत सचिव को नहीं सौंपा है।
शिकायतकर्ता विनोद दास ने बताया कि इस प्रकरण पर तत्काल जांच नहीं किये जाने पर छग शासन मंत्रालय उच्च स्तरीय पुन: शिकायत किया जायेगा। जिससे इसमें शामिल दोषी जनप्रतिनिधि,पंचायत सचिव, जांचकर्ता अधिकारियों के विरूद्व दण्डात्मक कार्रवाई की मांग करेंगे। इस मामले में छत्तीसगढ़़ संवाददात ने तात्कालीन सरपंच से उनका पक्ष लेने के लिए उनके मोबाइल पर काल किया। उनकी मोबाइल पर रिंग गई लेकिन उन्होंने काल रिसिव नहीं किया।