रायपुर

चिप्स में हुई हालिया नियुक्तियों की फाइल तलब की सीएम सचिवालय ने
16-Feb-2025 6:54 PM
चिप्स में हुई हालिया नियुक्तियों की फाइल तलब की सीएम सचिवालय ने

‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता

रायपुर, 1६ फरवरी। चिप्स में हाल में हुई नियुक्तियों पर सीएम सचिवालय ने भी आंखे तरेरी हैं। उच्च अधिकारियों ने सीईओ चिप्स पूरे प्रकरण पर जानकारी मांगी है। इसके बाद बीते शनिवार को चिप्स के आला अफसर दस्तावेज सुधारने और जवाब तैयार करने  में जुटे रहे।लोगों का कहना है कि  शनिवार को आफिस में लगे   सीसीटीवी के फुटेज निकाल कर इनके कार्यालय में होने की पुष्टि की जा सकती है।

सूत्र तो ये भी बता रहे है कि हृढ्ढस्त्र/्यक्करूत्र के पे रोल पर भर्ती किए गए पूर्व में बर्खास्त कर्मचारियों की  पुनर्नियुक्ति की फाइल मुख्यमंत्री कार्यालय ने तलब की है क्योंकि इन भर्तियों के लिए कोई भी अनुमोदन फाइल पर नहीं लिए गए बल्कि सीधा एनआईएसजी एवं अन्य को सीईओ चिप्स की तरफ से पत्र जारी कर दिया गया। (सभी के नाम हमारे पास है)। ये सभी भारत नेट प्रोजेक्ट में पेमेंट को लेकर हुई गड़बड़ी के दौरान भी रहे हैं। महत्वपूर्ण बात यह है कि एनआईएसजी लाखों रुपए के सालाना वेतन में हर माह 15 प्रतिशत कमीशन भी लेगी जो पूरी तरह से चिप्स के राजस्व का दुरूपयोग है।

सूत्रों से ये भी पता चला है कि ये सभी लोग 2018 में   भारत नेट प्रोजेक्ट में टाटा प्रोजेक्ट को 196 करोड़ रुपए एडवांस देने में की गई जल्दबाजी गड़बड़ी के वक्त भी रहे हैं। बताया गया है कि पेमेंट के बाद इनके द्वारा  टाटा प्रोजेक्ट से एडवांस रिसीव्ड वाउचर नहीं लिएगए  थे। इससे जीएसटी का सेटलमेंट नहीं हो पाया और राज्य सरकार को 77 करोड़ के जीएसटी का अतिरिक्त भार के साथ ब्याज भी बढक़र 12 करोड़ के लगभग हो गया। इसका भुगतान बाद में तत्कालीन सीईओ समीर  विश्नोई (अभी जेल में ) के द्वारा भारत नेट के केपेक्स मद से किया गया। लेकिन एआरवी न लेने के कारण वो 77 करोड़ रुपए चिप्स को वापस नहीं मिल सकते और भारत सरकार जब प्रोजेक्ट का ऑडिट करके फाइनल सेटलमेंट करेगी तो वो जीएसटी का भुगतान किए गए 77 करोड़ रुपए को भी शामिल करेगी और इसकी भरपाई अब राज्य सरकार को करनी होगी। राज्य संपरीक्षा की ऑडिट टीम ने ऑडिट के दौरान इस कमी को पकड़ा और अपनी रिपोर्ट की कंडिका 5,6,7 में भी लिखा है कि उस समय 2018 के अधिकारी एवं कर्मचारियों से इसकी वसूली बांछनीय है और इस पर तत्समय के अधिकारी प्रोजेक्ट मैनेजर , फाइनेंस मैनेजर समेत आधा दर्जन लोगों के नोटशीट के पेज 3 एवं 5 पर  हस्ताक्षर भी किए हैं। है।

सूत्र बताते है मुख्यमंत्री सचिवालय से जानकारी तलब किए जाने से पूरे महकमे में सांप सूंघ गया है।

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