रायपुर

‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
रायपुर, 14 फरवरी। पार्क फाउंडेशन, छत्तीसगढ़ द्वारा भारतीय संविधान के 75 वें वर्ष के अवसर पर संविधान संवाद श्रंखला के अंतर्गत संवाद -2 का आयोजन वृन्दावन हॉल रायपुर में किया गया।
नागरिक अधिकारों के लिए प्रतिबद्ध पूरे देश में सम्मानित शिक्षाविद,अध्येता इतिहासकार बीएचयू के प्रो आरिफ भारतीय संविधान के अंतर्निहित मूल्य विषय पर सम्बोधित किया।आयोजन की अध्यक्षता वरिष्ठ सामाजिक कार्यकर्ता एवं एक्टिविस्ट गौतम बंद्योपाध्याय ने की। प्रारम्भ में जीवेश चौबे ने संचालन करते हुए सभी का स्वागत किया एवं पार्क के अध्यक्ष उमाप्रकाश ओझा ने व्याख्यान के विषय पर आधार वक्तव्य दिया।
मुख्य वक्ता के रूप में प्रो आरिफ ने कहा कि इतने बरसों से लागू संविधान पर आज पुन: चर्चा की आवश्यकता क्यों है।
प्रो आरिफ ने संविधान की प्रस्तावना में हम भारत के लोग को समझाते हुए कहा इन शब्दों से होना व्यक्ति की बजाय लोक की ताकत को मजबूती से रखता है।
उन्होंने फ्रांस के वाल्टेयर का जि़क्र करते हुए कहा कि वाल्टेयर द्वारा रचित संविधान मूल रूप से मानवता और मानवाधिकार का प्रथम दस्तावेज़ है और हमारा संविधान उसी से प्रेरित है जो मानव की मौलिक स्वतंत्रता,समानता और मौलिक अधिकार को सम्प्रेषित करता है और उसकी वकालत करता है। आज इसी पर गंभीर संकट मंडरा रहा है। आज लोक को हाशिये पर डाल मनु स्मृति के आधार पर नये संविधान की आशंका व्यक्त की जा रही है जो भारत के मौजूदा संविधान के लिए खतरा की घंटी है। उन्होंने जोर देते हुए कहा कि संविधान में निहित मूल बातों एवं मूल्यों को लोक में ले जाकर जागरूकता लानी होगी। इसके लिये हर स्तर पर संघर्ष करना होगा और सभी नागरिको को आगे आना होगा।