भाजपा व कांग्रेस के कार्यकर्ता अपनी-अपनी जीत का दावा कर रहे...
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
बलौदाबाजार, 14 फरवरी। नगर पालिका बलौदाबाजार अध्यक्ष पद के चुनाव परिणाम को लेकर नगरवासी बेसब्री से इंतजार कर रहे हैं। यद्यपि इस पद हेतु आप से जगन्नाथ महिलांग निर्दलीय भारत भूषण साहू, भाजपा से अशोक जैन व कांग्रेस से सुरेंद्र जायसवाल चुनाव मैदान में थे। जिनमें मुख्य मुकाबला भाजपा व कांग्रेस प्रत्याशी के मध्य ही है। सुरेंद्र 4 बार पार्षद के पद पर, वहीं अशोक 2 बार अध्यक्ष के पद पर निर्वाचित हुए हैं।
नगर में व्याप्त चर्चा के अनुसार इस बार भाजपा व कांग्रेस के मध्य कांटे की टक्कर होने के आसार हैं। यही वजह है कि सट्टा बाजार में भी पूरी तरह ख़ामोशी छाई हुई है। शनिवार को मतगणना के उपरांत ही स्पष्ट हो पाएगा कि पालिका अध्यक्ष का ताज किसके सिर पर सजेगा।
गौरतलब है कि नगर पालिका चुनाव के प्रारंभिक दौर में कांग्रेस प्रत्याशी सुरेंद्र जायसवाल को भाजपा प्रत्याशी अशोक जैन की अपेक्षा कमजोर समझा जा रहा था, परंतु विधानसभा व लोकसभा चुनाव के दौरान बिखरी नजर आ रहे कांग्रेसियों ने इस पर एक जुटता का परिचय देते हुए प्रचार प्रसार में पूरी ताकत झोंक दी। वहीं भारतीय जनता पार्टी के प्रत्याशी अशोक जैन जिन्हें नगर पालिका चुनाव का माहिर खिलाड़ी माना जाता है। प्रारंभ में कांग्रेस प्रत्याशी को कमजोर मानकर प्रचार प्रसार में गति नहीं दे पाए। जिसके चलते कांग्रेसियों का हौसला बढ़ता गया जिसका भरपूर फायदा कांग्रेसियों ने उठाया इन परिस्थितियों को देखते हुए बाद में भाजपा प्रत्याशी अशोक जैन ने भी अपने चिर परिचित अंदाज में प्रचार-प्रसार में जुटे रहे, जिसके चलते मुकाबला अत्यधिक रोचक हो गया।
दोनों ही प्रत्याशियों द्वारा नगर पालिका क्षेत्र में जातिगत समीकरणों बौद्धिक वर्ग के मतदाता के अलावा स्लम बस्तियों में जमकर पसीना बहाते हुए तमाम चुनावी हथकडों से मतदाताओं को रूझाने का भरपूर प्रयास किया गया। चुनाव की पूर्व रात्रि 10 फरवरी को भी दोनों ही दलों के प्रत्याशियों द्वारा चुनाव का परिणाम अपने पक्ष में करने पूरी ताकत झोंक दिया गया। जिसके चलते मतदाता फिलहाल किसी भी प्रत्याशी को जीत का दावा करने से बच रहे हैं। यद्यपि भाजपा व कांग्रेस के कार्यकर्ता अपनी-अपनी जीत का दावा कर रहे हैं परंतु चुनाव का ऊंट किस करवट बैठेगा यह शनिवार को गणना के बाद ही स्पष्ट होगा
निर्णायक भूमिका में होंगे पार्षद
यद्यपि अध्यक्ष पद के प्रत्याशियों द्वारा प्रचार प्रसार में जमकर पसीना बहाया गया। इसके बावजूद भाजपा व कांग्रेस के पार्षद पद के प्रत्याशियों की भूमिका को कम नहीं आका जा सकता। नगर पालिका के 21 में से 12 वार्डों में दोनों ही दलों के पार्षद प्रत्याशी के मध्य सीधा मुकाबला है।
मतगणना के आंकड़ों के आधार पर 21 वार्डों में से अपने-अपने दल के पार्षद पद के प्रत्याशी प्रत्याशियों की बढ़त के दावे संबंधित दलों के लोग कर रहे हैं यदि इन आंकड़ों पर गौर किया जाए तो जिस दल के अधिक पार्षद चुनकर आएंगे उस दल के अध्यक्ष पद के प्रत्याशी की विजय सुनिश्चित है। यदि परिणाम इसके बावजूद अध्यक्ष पद के प्रत्याशी के विपरीत आता है तो संबंधित वार्ड के पार्षद प्रत्याशी को जवाब देही से बचना मुश्किल होगा।