रायपुर

तीन वर्ष में एक लाख ट्रांसफर करा चुका था
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
रायपुर, 8 फरवरी। दुकान के क्यूआर. कोड के स्थान पर अपने कुटरचित क्यूआर कोड में लाखों रूपये की धोखाधड़ी करने वाला सेल्समैन दीपक यादव गिरफ्तार कर लिया गया है ।
संस्कृति डेकोर दुकान नंबर 103-104 महालक्ष्मी क्लाथ मार्केट पंडरी के संचालक जितेश पटेल ने कल थाना देवेन्द्र नगर में रिपोर्ट दर्ज कराई थी।उनकी दुकान में दीपक यादव से सेल्समेन है। वह चार वर्ष से काम कर रहा है। वह एक तरह से विश्वास हासिल कर चुका था ।इसी बीच उसने धोखे बाजी शुरू की। उसने दुकान से खरीददारी करने वालों से पेमेंट के लिए जितेश के फर्म के एचडीएफसी बैंक शाखा देवेन्द्र नगर रायपुर में अपनी फर्म के नाम पर एक खाता खोला था।
उक्त खाते पर लेन देन के लिये एचडीएफसी बैक के द्वारा जितेश को एक क्यु.आर. कोड दिया गया था। जिसे किसी भी पेमेंट एप से स्कैन कर भुगतान करने पर राशि सीधे प्रार्थी के बैंक खाते पर जमा हो जाती थी। कारोबार बढ़ाने जितेश ने फर्म में कुशल पटेल को बतौर पार्टनर बना लिया था तथा दोनो के द्वारा बैकिंग कार्य संचालित किया जाता था। पार्टनशिप फर्म बनने के बाद जितेश ने एचडीएफसी बैक में देवेन्द्र नगर में एक और खाता खोलने पर बैक ने एक और क्युआर कोड दिया । इसके बाद ही दीपक यादव ने धोखाधड़ी शुरू की। उसने फर्म का क्युआर कोड न भेजकर उसके स्वयं के फोन-पे का क्यू.आर. कोड भेजने लगा। उक्त क्यू.आर. कोड के नीचे उसके द्वारा कूटरचना जितेश के दुकान का नाम लिखकर भेजा जाने लगा।
इसके साथ ही उसके द्वारा अनेको ग्राहको को भुगतान करने लिये च्वाईस सेंटरो के क्यू.आर कोड भेजकर पैसे मंगवाये जाने लगे और उक्त मंगाये गये पैसो को वो अपने बैक खाते में मंगवा लेता था, साथ ही अनेको ग्राहको से उसके द्वारा नगद राशि भी लिया गया है पंरतु उक्त राशि आज दिनांक तक जितेश को प्राप्त नहीं हुई है। काफी समय से ग्राहको का भुगतान प्राप्त न होने पर जब जितेश द्वारा माह जनवरी 2025 में ग्राहको से अपने पेसे की मांग की तब इस बात की जानकारी हुई इस प्रकार से दीपक यादव के कुटरचित क्यू.आर. कोड के माध्यम से जुलाई 22 से लेकर जनवरी 2025 के बीच ऑन लाईन एवं नगद राशि के रूप में प्राप्त राशि 1,07,000/- रूपये हड़पकर धोखाधड़ी की। देवेन्द्र नगर पुलिस धारा 316(4), 318(4) बी.एन.एस. का अपराध दर्ज कर पड़ताल कर रही थी। और कल दीपक यादव को पकड़ा । पूछताछ में धोखाधड़ी स्वीकारी।