‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
राजनांदगांव, 20 जनवरी। कलेक्टर संजय अग्रवाल की अध्यक्षता में बीते दिनों कलेक्टोरेट सभाकक्ष में केन्द्रीय योजना क्षेत्र अंतर्गत जिला स्तरीय मानिटरिंग समिति (डीएमसी) की बैठक आयोजित की गई। कलेक्टर अग्रवाल ने कहा कि हमारा देश तेजी से विकास पथ पर अग्रसर है। शीघ्र ही हमारा देश विश्व की तीसरी अर्थव्यवस्था में शामिल हो जाएगा। सभी क्षेत्र अच्छा कार्य करेंगे, तभी हम लक्ष्य की प्राप्ति कर सकते हंै। उन्होंने कहा कि कृषि क्षेत्र में 44 प्रतिशत कार्य शक्ति लगी हुई है। जिसके अंतर्गत कृषि क्षेत्र से हमारे देश को लगभग 13-14 प्रतिशत जीडीपी (सकल घरेलू उत्पाद) में योगदान मिल रहा है। हमें कृषि क्षेत्र से जीडीपी के लिए और अधिक परिणाममूलक कार्य करने की आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि विदेशों में एक हेक्टेयर में फसल का तीन गुना उत्पादन ज्यादा है, वहीं कम श्रमिकों की आवश्यकता होती है। कलेक्टर ने इस अवसर पर राजनांदगांव जिले के संभाव्यतायुक्त ऋण योजना किताब का विमोचन किया।
कलेक्टर अग्रवाल ने राजनांदगांव जिले के कृषि उत्पादन संगठन (एफपीओ), साथी परियोजना क्रियान्वयन, वित्तीय साक्षरता तथा धान के बदले अन्य फसल एवं फसल विविधीकरण को बढ़ावा देने के संबंध में चर्चा की। उन्होंने ग्राम इरईकला, कोकपुर एवं बागरेकसा में कृषक उत्पादन संगठन द्वारा किए जा रहे कार्यों के संबंध में जानकारी ली। कलेक्टर ने कहा कि सभी तरह के नवाचार, नवीनतम तकनीक से किसानों को लैस करें तथा उन्हें सही दिशा एवं मार्गदर्शन प्रदान करें। इस दौरान फसल विविधीकरण, औषधीय पौधों की खेती के संबंध में चर्चा की गई।
इसके साथ ग्राम पटेवा में चना, महिला स्वसहायता समूह को कृषि उत्पादन संगठन से जोडऩे तथा किसानों को सभी योजनाओं से लाभान्वित करते हुए अधिकतम सब्सिडी दिलाने के संबंध में चर्चा की गई।
राष्ट्रीय कृषि एवं ग्रामीण विकास बैंक (नाबार्ड) के प्रबंधक मनोज नायक ने बताया कि जिले में किसानों के आर्थिक सशक्तिकरण, वित्तीय साक्षरता एवं फसल विविधीकरण के लिए विभिन्न आयामों में कार्य किया जा रहा है। उप संचालक कृषि नागेश्वर लाल पाण्डेय ने कहा कि रखिया की खेती भी किसानों के लिए फायदेमंद है। रखिया से पेठा, बड़ी एवं अन्य तरह की मिठाई बन सकती है। सहायक आयुक्त सहकारिता Ÿशिल्पा अग्रवाल ने बताया कि इस वर्ष सहकारिता का अंतर्राष्ट्रीय वर्ष मनाया जा रहा है। जिले में किसानों को फसल के लिए शून्य प्रतिशत ब्याज ऋण हेतु केसीसी उपलब्ध कराया जा रहा है। इस अवसर पर प्रशिक्षु आईपीएस ईशु अग्रवाल, वरिष्ठ कृषि वैज्ञानिक डॉ. गुंजन झा, उप संचालक पशु चिकित्सा सेवाएं डॉ. अनुप चटर्जी, विट्रो बायो टेक्नोलॉजी के हेमंत प्रधान एवं विभिन्न संस्थाओं के प्रतिनिधि उपस्थित थे।