‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
राजनांदगांव, 15 जनवरी। शहर में मकर संक्रांति पर्व की धार्मिक एवं अनुष्ठानिक छटा बिखरी रही। लोगों ने संक्रांति पर्व पर नदी-सरोवरों में स्नान किया और मंदिरों में पूजा-अर्चना कर दान किया। मकर संक्रांति पर्व पर शहर के मंदिरो में भक्तों का तांता रहा।
सोनारपारा स्थित माता देवाला शीतला मंदिर, गायत्री शक्तिपीठ, पाताल भैरवी आदि मंदिरों में लोगों ने अपने घर-परिवार वालों के साथ पहुंचकर देवी मां के दर्शन किए और तिल लड्डू, गजक, तिल पपड़ी का प्रसाद चढ़ाकर अपने घर परिवार की खुशहाली की दुआएं मांगी।
शहर के बसंतपुर स्थित भवानी नगर में मकर संक्रान्ति अवसर पर समाजसेवी महिलाओं द्वारा हल्दी-कुमकुम का आयोजन का आयोजन किया गया। इस दौरान वरिष्ठ समाजसेवी महिलाओं द्वारा सुहागिन महिलाओं को हल्दी-कुमकुम का तिलक कर उनके सुख-सौभाग्य की कामना की। इस दौरान महिलाओं द्वारा ढोलक की थाप पर भजन-कीर्तन का गान किया गया। आराधना मंच एवं लीनेश क्लब द्वारा आयोजित महिलाओं के इस हल्दी-कुमकुम आयोजन में विशेष रूप से मौजूद रत्ना ओस्तवाल ने बताया कि भगवान सूर्य का अपनी राशि परिवर्तन कर मकर राशि में जाने को काफी शुभ माना गया है। सनातन धर्मियों के लिए ऋतु परिवर्तन के अलावा शुभ और मंगलप्रद समय है। सूर्य देवता का अपने पुत्र शनि से भी इस दिन मिलाप होता है, जो सबको लिए शुभता को लेकर आता है। इसी वजह से इस दिन नदी-सरोवरों में स्नान ध्यान सहित दान-पूण्य और धार्मिक, अनुष्ठानिक आयोजन किए जाते हैं।
समाजसेवी शारदा तिवारी ने बताया कि छत्तीसगढ़ लोक पर्व छेरछेरा पुन्नी से लेकर मकर संक्रांति पर्व पर दिनभर उनके निवास में आने वाले लोगों को लिए दान-पुण्य का कार्य निरंतर जारी रहेगा। उन्होंने कहा कि अच्छे कार्यो के लिए दान मांगने से अहं भाव का नाश होता है। संक्रांति के दिन उनके निवास स्थान में उपस्थित सुहागिन महिलाओं को हल्दी-कुमकुम लगाकर उन्हें गिफ्ट भेंट दी गई और उनके दाम्पत्य जीवन सहित घर परिवार की सुखमयता की कामना की गई। इस दौरान सरस्वती माहेश्वरी, रत्ना ओस्तवाल, शारदा तिवारी, आशा गुप्ता, साधना तिवारी, माया अग्रवाल, माला शुक्ला, अलका सुरजन, मिथलेश शर्मा, अलका जानी, शांति ओस्तवाल, संध्या जैन, मीना जैन, अंजली ओस्तवाल, अंजनी कोशा, सरोज कोटडिय़ा, सपना, सोनाली, ममता, सुनीता सोनी आदि सहित बड़ी संख्या में महिलाएं उपस्थित थी।