भाजपा में भी दावेदारों की लंबी फेहरिस्त
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
राजनांदगांव, 15 जनवरी। राजनांदगांव महापौर का पद अनारक्षित होने के बाद कांग्रेस और भाजपा में चुनाव लडऩे के दावेदारों की दिन-ब-दिन तादाद बढ़ रही है। कांग्रेस के दावेदार राजधानी रायपुर तक दौड़ लगा रहे हैं। जबकि भाजपा से चुनाव लडऩे इच्छुक दावेदार भी अपनी ओर से जोरदार लॉबिंग कर रहे हैं।
अनारक्षित सीट होने से दोनों दल में महापौर चुनाव लडऩे की ख्वाहिश बढ़ गई है। हर दिन नए दावेदार खुद को काबिल बताकर आला नेताओं से टिकिट दिलाने में मदद की गुहार लगा रहे हैं। कांग्रेस के प्रमुख नेताओं ने राजधानी रायपुर में पार्टी मुख्यालय में दस्तक देकर अपनी इच्छा से आला नेताओं को अवगत कराना शुरू कर दिया है। कुछ नेताओं ने पूर्व मंत्री और अन्य प्रमुख नेताओं से भी मिलकर चुनाव लडऩे की इच्छा जताई है।
बताया जा रहा है कि महापौर चुनाव लडऩे के लिए दावेदार बायोडाटा लेकर साथ चल रहे हैं। अलग-अलग नेताओं से मिलकर अपनी राजनीतिक सफरनामे की जानकारी भी दे रहे हैं। कांग्रेस में अभी पार्षद चुनाव लडऩे इच्छुक दावेदार आवेदन जमा कर रहे हैं। जबकि महापौर के लिए शहर कांग्रेस के समक्ष आवेदन देना तय किया गया है।
इधर, भाजपा में भी एक अनार सौ बीमार की स्थिति है। अनारक्षित होने से भाजपा के कई दावेदार खुलकर महापौर के लिए खुद को काबिल बता रहे हैं। आने वाले दिनों में कश्मकश और तेज होगा। यह स्पष्ट है कि राजनांदगांव के मामले में विधानसभा अध्यक्ष डॉ. रमन सिंह की पसंद ही उम्मीदवार चयन का एक प्रमुख आधार रहेगा।
डॉ. सिंह की रूचि वाले व्यक्ति पर ही टिकिट पर मुहर लगेगी। कांग्रेस की स्थिति थोड़ी अलग है। पार्टी नेतृत्व के निर्देश पर ही प्रदेश कांग्रेस टिकिट का ऐलान करेगी। राजनीतिक रूप से दोनों दल में उम्मीदवारों को तौला जा रहा है। बताया जा रहा है कि कांग्रेस संसाधन की कमी से जूझ रही है। जबकि भाजपा संसाधन से परिपूर्ण है। कांग्रेस ने चुनाव लडऩे इच्छुक दावेदारों से एडवांस में 5 माह का मानदेय राशि जमा करने का फरमान जारी किया है। जबकि भाजपा सिर्फ दमखम झोंकने वाले उम्मीदवार की पतासाजी कर रही है।