‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
दंतेवाड़ा, 13 दिसंबर। दंतेवाड़ा विकासखंड के मसेनार के ग्रामीणों को पीने के लिए शुद्ध पेयजल उपलब्ध नहीं हो पा रहा है। इसी वजह से ग्रामीणों को दूषित पानी पीने विवश होना पड़ रहा है।
ज्ञात हो कि पूर्ववर्ती डॉ. रमन सिंह सरकार में मसेनार को आदर्श ग्राम का दर्जा दिया गया था। वर्तमान में गांव में ग्रामीणों को बुनियादी सुविधाएं नहीं मिल रही हैं। ग्राम के स्कूलपारा में लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग का हैंडपंप स्थापित है। उक्त हैंडपंप में विगत लंबे समय से तकनीकी खराबी है। इसकी वजह से हैंडपंप से अशुद्ध पानी निकल रहा है। ग्रामीणों को अपनी प्यास बुझाने दूषित पानी पीने पीना पड़ रहा है। जिससे उनके स्वास्थ्य को नुकसान पहुंच रहा है।
ग्राम की महिला सुकमती ने ‘छत्तीसगढ़’ को बताया कि इस हैंडपंप से दूषित पानी निकल रहा है। जिसकी आज तक मरम्मत नहीं की गई। हैंडपंप से लाया गया पानी लाल हो जाता है। इस वजह से हम लोग छोटे कुएं का पानी पीने के लिए लाते हैं। कुआं अधिक दूरी पर होने की वजह से बड़ी परेशानी का सामना करना पड़ता है। क्षेत्रीय ग्रामीणों ने लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग से शीघ्र हैंडपंप मरम्मत की मांग की है।