‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
महासमुंद, 3 दिसंबर। कलेक्टर विनय कुमार लंगेह ने सभी एसडीएम, धान खरीदी केंद्रों के लिए नियुक्त जिला स्तरीय नोडल अधिकारियों व जिला खाद्य अधिकारी एवं संबंधित अधिकारियों को जिले में असामयिक बारिश होने की आशंका को देखते हुए जिले के सभी धान उपार्जन केंद्रों में भंडारित धान की सुरक्षित रखाव और बचाव के संबंध में सभी जरूरी उपाय करने के निर्देश दिए। उन्होंने जिले असामयिक वर्षा बेमौसम बारिश के कारण धान खराब न हो इसे ढंकने के लिए तिरपाल,केप कवर आदि के पुख्ता इंतजाम करने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने कहा है कि धान खरीदी शासन की प्राथमिकता में है। किसान से लिए गए धान पूर्णत: सुरक्षित रहे यह सुनिश्चित करें।
कलेक्टर के निर्देशानुसार सभी उपार्जन केन्द्रों में खरीदे हुए धान की स्टैकिंग बनाकर समय पूर्व केप कवर से ढंका जा रहा है। सभी नोडल अधिकारियों द्वारा धान खरीदी केन्द्रों पर सतत निरीक्षण कर मॉनिटरिंग किया जा रहा है। कलेक्टर ने उन्हें व्यक्तिगत जिम्मेदारी देते हुए धान को किसी भी परिस्थिति में सुरक्षित रखने कहा है। नोडल अधिकारी ने बताया कि बारिश से धान की सुरक्षा के लिए ड्रेनेज बनाया गया है। सभी धान खरीदी केन्द्रों में केप कव्हर पर्याप्त संख्या में उपलब्ध है। केन्द्रों में पानी जमा न हो इसके लिए निकासी की पर्याप्त व्यवस्था की गई है।
उल्लेखनीय है कि खरीफ विपणन वर्ष 2024.25 के अंतर्गत जिले में समर्थन मूल्य पर धान खरीदी अभियान तेजी से चल रहा है। नोडल अधिकारी आशीष कर्मा ने बताया कि 30 नवंबर तक 182 उपार्जन केंद्रों के माध्यम से 30839 किसानों से 150512.00 टन धान खरीदा गया। जिसमें 346 करोड़ 17 लाख से अधिक की राशि किसानों को वितरित की गई। उन्होंने बताया कि जिले के उपार्जन केन्द्रों में 95 लाख 29 हजार से अधिक बारदाना प्राप्त हुआ है। जिसमें 64 लाख 49 हजार 758 नया बारदाना है। 12 लाख 98 हजार 824 बारदाना मिलर से प्राप्तए 14 लाख 82 हजार 125 पीडीएस से प्राप्त तथा किसानों से 2 लाख 98 हजार 547 बारदाना प्राप्त हुआ है। 41 लाख 41 हजार 827 बारदाने का उपयोग उपार्जन केन्द्रों में किया जा रहा है। अभी 53 लाख 87 हजार 427 बारदाना शेष है।
मालूम हो कि बीते तीन दिनों से अचानक मौसम के तेवर बदल गए हैं। आसमान में लगातार बदली छाये रहने और शनिवार व रविवार को कुछ देर हुई बारिश से वातावरण में लगातार नमी बनी हुई है। हालांकि आज सुबह हल्की धूप निकल आई थी। मौसम के इस बदलाव से शहरी व ग्रामीण इलाकों में कड़ाके की ठंड महसूस की जा रही है। न केवल रात,बल्कि दिन के समय में भी लोगों को अलाव जलाकर आग तापते हुए देखा जा सकता है।
बारिश के बाद लगातार तापमान में गिरावट आ रही है। विशेष कर रात के समय लोग विभिन्न स्थानों में आग जलाकर इस कडक़ड़ाती ठंड से बचने का प्रयास करते नजर आ रहे हैं। हालांकि इस बार ठंड का अहसास कुछ विलंब से ही शुरू हुआ हैए लेकिन पिछले कुछ दिनों से मौसम में काफी ठंडक स महसूस की जा रही है। अधिक ठंड के अ कारण मॉर्निंग एवं इवनिंग वॉक करने वालों की संख्या में भी कुछ कमी आई है। शहर से बाहर निकलते ही ठंड का प्रभाव सबसे अधिक देखा जा रहा है। मोटरसायकल में सफर करने वाले भी सुबह या शाम को अति आवश्यक होने पर ही बाहर निकल रहे हैं।