महासमुन्द

3 साल बाद भी मेडिकल कॉलेज में फैकल्टी के 56 पद रिक्त
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
महासमुंद,15 जुलाई। अनेक कमियों के चलते सीटें घटाये जाने जैसी खबरों के बीच मेडिकल कॉलेज प्रबंधन महासमुंद ने कल राहत की सांस ली है। जानकारी अनुसार नेशनल मेडिकल कमिशन (एनएमसी) ने शर्तों के साथ वर्ष 2025-26 के लिये 125 सीटों के लिये एक बार फिर अनुमति दे दी है। लेकिन इस बार कॉलेज प्रबंधन को 4 माह में हर स्थिति में चिकित्सा शिक्षा को लेकर कमियों को दूर करना होगा। एनएमसी 4 माह बाद एक बार फिर व्यवस्था की समीक्षा करेगी।
एनएमसी के अधिकारियों और महासमुंद मेडिकल कॉलेज प्रबंधन की हुई बैठक में प्रबंधन ने 4 माह का समय मांगा है। इस बार बिना किसी चालान के प्रबंधन को अनुमति मिली है।
ज्ञात हो कि बीते वर्ष इन्हीं कमियों की वजह से एनएमसी ने कॉलेज प्रबंधन पर जुर्माना ठोका था। यदि इस बार बात नहीं बनती तो वर्तमान सीटों में 25 सीटें और भी कम हो जाती। इससे डॉक्टर बनने का सपना देख रहे अनेक होनहार छात्र-छात्राओं पर भी इसका प्रभाव पड़ता।
मिली जानकारी के अनुसार हाल ही में एनएमसी ने मेडिकल कॉलेज के विवरण के आधार पर उन्हें कारण बताओ नोटिस जारी कर सवाल पूछे थे। साथ ही कालेज के कमियों को उजागर किया था। नोटिस में स्पष्ट कहा गया था कि 20 विभागों में से 19 संकायों में उपस्थिति कम है। 125 बिस्तर वाले मेडिकल कॉलेज में बिस्तरों की संख्या अपर्याप्त है। कॉलेज की घोषणा के अनुसार अस्पताल की ओपीडी बहुत कम है। इस सत्र के लिये शवों की संख्या अपर्याप्त है। ओटी डेटा उपलब्ध नहीं कराया गया है। इसके अलावा छात्र-छात्राओं के हॉस्टल में पर्याप्त सुविधा नहीं है।
इस बार बैठक में मेडिकल कॉलेज ओर से प्रस्तुत जवाब में जानकारी दी कि मेडिकल कॉलेज की बिल्डिंग दिसंबर 2025 तक उन्हें मिल जायेगी। ऐसे में महज 4 माह के लिये उन्हें कमियों को पूरा करने की शर्त के साथ समय सीमा दी गई है। हालांकि दिसंबर तक मेडिकल कॉलेज भवन मिलने की उम्मीद हैं। वर्तमान में जहां कॉलेज संचालित हैं, वहां जगह के अभाव की वजह से संसाधनों की कमी है और 125 सीटों के लिये कॉलेज संचालन व्यवस्था नहीं हो पा रही है। विभागीय जानकारी के अनुसार प्रोफेसर, एसोसिएट प्रोफेसर तथा असिस्टेंट प्रोफेसर को मिलाकर यहां कुल 103 पद महासमुंद मेडिकल कॉलेज के लिये स्वीकृत हंै। लेकिन वर्तमान में 56 पद बीते 3 सालों से खाली है। जिन पदों में पदस्थापना हो चुकी है उनमें से भी अधिकांश प्रोफेसर राजधानी से आना-जाना करते हैं। यहां प्रोफेसर के लिये कुल 26 पद स्वीकृत हैं। लेकिन स्थापना के बाद से केवल 17 पदों पर ही पदस्थापना की गई है। वहीं एसोसिएट प्रोफेसर के 33 पदों में 13 तथा सहायक प्रोफेसर 46 पदों में केवल 26 पदों पर ही कार्यरत हैं। महासमुंद मेडिकल कॉलेज में शरीर रचना विज्ञान, शरीर क्रिया विज्ञान तथा इनमें आने वाली बीमारियों जैसे सभी पृथक.पृथक विभागों के लिये 6-6 प्रोफेसरों की आवश्यकता होती है। इसके अलावा चिकित्सा उपकरणों सहित प्रायोगिक सहित अन्य विषयों पर भी एसोसिएट तथा सहायक प्राध्यापकों की आवश्यकता होती है। लेकिन इन विभागों में 6-6 के स्थान पर किसी में 2 तो किसी में 3 प्रोफेसर ही अपनी सेवाएं प्रदान कर रहे हैं।
ऐसे में 6 प्रोफेसरों का दबाव 2 या फिर 3 पद पर पड़ रहा है। इससे न केवल पढ़ाई की गुणवत्ता पर असर पड़ रहा। बल्कि प्रोफेसरों को भी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है।
बताना जरूरी होगा कि मेडिकल कॉलेज महासमुंद में 2015 से 2018 के दौरान पदस्थ अनेक प्रोफेसरों, एसोसिएट तथा सहायक प्राध्यापकों के प्रमोशन की सूची तैयार है जिसे शासन को भी भेजा जा चुका है। यहां 3 डीन बदल चुके। लेकिन ना किसी का स्थानांतरण किया जा रहा है और ना ही प्रमोशन। जबकि ट्रांसफर तथा प्रमोशन एनएमसी की गाइड लाइन में है और 3 साल बाद भी मेडिकल कॉलेज में फैकल्टी के 56 पद रिक्त हैं।