कोरिया

राष्ट्रीय उद्यान में बाघ के बाद तेंदुए की मौत, हडक़ंप
18-Nov-2024 2:36 PM
राष्ट्रीय उद्यान में बाघ के बाद तेंदुए की मौत, हडक़ंप

‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
बैकुंठपुर(कोरिया), 18 नवंबर।
बाघ की मौत का मामला अब तक वन विभाग हल नहीं कर पाता है और ताजा मामला तेंदुए की मौत का सामने आ गया है। वहीं अफसर मीडिया से मुँह छिपाते फिर रहे है। इस मामले में भी विज्ञप्ति जारी कर सवालों से बचने की कोशिश कर रहे है।

जारी की विज्ञप्ति में गुरु घासीदास राष्ट्रीय उद्यान बैकुंठपुर के संचालक ने तेंदुए की मौत को लेकर विज्ञप्ति जारी कर बताया है कि 15नवंबर को क्षेत्रीय कर्मचारियों की गश्ती के दौरान बीट टामा पहाड़, सर्किल देवसील, पार्क परिक्षेत्र कमर्जी अंतर्गत एक तेंदुआ की मृत्यु की सूचना प्राप्त हुई। घटना की पुष्टि उपरान्त क्षेत्रीय कर्मचारियों द्वारा वरिष्ठ अधिकारियों को देर रात घटना की सूचना दी गई। उक्त घटना स्थल दुर्गम पहाड़ी, संचार साधन (नेटवर्क) विहीन क्षेत्र में स्थित है।

16 नवंबर को वन संरक्षक (वन्यप्राणी) सरगुजा वन वृत्त, अम्बिकापुर, संचालक गुरु घासीदास राष्ट्रीय उद्यान, पशु चिकित्सकों की टीम, गोमर्डा अभ्यारण्य के डॉग स्क्वायड टीम एवं क्षेत्रीय कर्मचारी घटनास्थल पर पहुंचे। क्षेत्रीय कर्मचारियों एवं गोमर्डा अभ्यारण्य के डॉग स्क्वायड टीम द्वारा घटना स्थल के आस-पास के क्षेत्र में पतासाजी किया गया। स्थल निरीक्षण उपरान्त विभागीय अधिकारी / कर्मचारी, ग्रामीणों की उपस्थिति में तीन सदस्यीय पशु चिकित्सक दल के द्वारा शव विच्छेदन  किया गया। पशु चिकित्सा टीम के परीक्षण के दौरान मृत तेंदुआ की त्वचा, नाखून, दांत एवं सभी अंग सुरक्षित पाए गये। मृत तेंदुए के आवश्यक सैंपल को प्रयोगशाला परीक्षण हेतु प्रिजर्व किया गया। शव विच्छेदन  उपरान्त नियमानुसार शव का दाह संस्कार किया गया। 

घटना की गंभीरता को देखते हुए डॉग स्क्वायड टीम, स्ट्राइक फोर्स, क्षेत्रीय कर्मचारियों के संयुक्त टीम द्वारा त्वरित कार्रवाई की जा रही है। डिटेल पीएम रिपोर्ट के उपरान्त ही मृत्यु के संभावित कारणों के विषय में जानकारी प्राप्त होगी। तेंदुआ  के मृत्यु की सभी संभावित कारणों की विवेचना की जा रही है।

शव में पड़ गए थे कीड़े
तेंदुए की मौत को लेकर पार्क के अफसर पीएम रिपोर्ट का इंतजार कर रहे है, जबकि ग्रामीणों की माने तो शव 7 से 10 दिन पुराना हो चुका था, उसमें कीड़े पड़ चुके थे। 15 नवम्बर की शाम को विभाग को तेंदुए की मौत की जानकारी मिल गई, दूसरे दिन विभाग के अधिकारी मौके पर पहुंचे, और दिनभर किसी को घटनास्थल जाने नही दिया गया।  पोस्टमार्टम सहित तमाम प्रक्रिया करके मामले की जानकारी मीडिया को नही दी गई, दूसरे दिन एडिशनल पीसीसीएफ प्रेम कुमार ने एक प्रतिष्ठित अखबार को तेंदुए की मौत की पुष्टि कर दी, जिसके बाद स्थानीय अधिकारियों ने प्रेस विज्ञप्ति जारी कर मामले की जानकारी दी।

नाराज है मैदानी अमला, माइलेज अलाउंस भी बंद
गुरु घासीदास राष्ट्रीय उद्यान हो या कोरिया वन मंडल यहां अधिकारियों की मनमानी से विभाग का मैदानी अमला खासा नाराज है , अफसर कभी कभार ही दौरे पर आते है। तानाशाही रवैये के कारण उनमें नाराजगी भरी हुई है।  दूसरी ओर कैम्पा के तहत मैदानी अमले को माइलेज अलाउंस 1000 रुपए मिला करता था, परंतु अब वो भी बंद हो गया है, अफसर रेंजर लक्सरी वाहनों में घूमते है जबकि अपना जेब से पेट्रोल भर कर मैदानी अमला जंगल में रखवाली कर रहा है, यही कारण है काम में समर्पण की भावना अब खत्म हो चुकी है।
 


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