बेमेतरा
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
बेमेतरा, 11 नवंबर। जिले में रविवार को आंवला नवमी का पर्व मनाया गया। महिलाओं ने शुभ मुहूर्त में आंवले के वृक्ष की पूजा की। इसके बाद पेड़ की छांव के नीचे बैठकर भोजन किया। खास बात यह रही कि महिलाओं ने सामूहिक रूप से त्योहार मनाया। जिन-जिन स्थानों पर आंवले के पेड़ हैं। वहां महिलाओं की भारी भीड़ देखी गई। उन्होंने विधि-विधान के साथ पूजा कर गंगाजल, दूध से पेड़ का अभिषेक किया। इसके बाद घर से बनाकर लाए व्यंजनों को भी अर्पित किया।
कई महिलाएं भजन करती हुईं भी दिखाई दीं। महिलाओं ने बताया कि ये दिन विशेष है। मान्यता है कि आंवले के पेड़ के छांव के नीचे आज के दिन बैठकर भोजन करना चाहिए। इसी मान्यता के चलते लंबे समय से ये पूजा की जा रही है। घर की बेटियां और छोटे बच्चे भी इस पूजा में शामिल होते हैं। पूजा के बाद वैदिक नियम के तहत सब बैठकर खाना खाते हैं। इससे पिकनिक का भी अहसास होता है।
ग्रामीण अंचलों में अक्षय नवमी आंवला नवमी का पर्व बड़े ही हर्ष उल्लास के साथ मनाया गया। पंडितों ने बताया गया कि हर साल अक्षय नवमी कार्तिक माह की शुक्ल पक्ष की नवमी तिथि को मनाई जाती है। इस शुभ दिन पर आंवले के पेड़ की पूजा की जाती है। आंवले के पेड़ के नीचे भोजन भी बनाया जाता है। इस भोजन को सबसे पहले भगवान विष्णु और महादेव को अर्पित किया जाता है। सनातन धर्मग्रंथों से पता चलता है कि लक्ष्मी जी ने सबसे पहले आंवले के पेड़ की पूजा की थी। पेड़ के नीचे भोजन बनाकर उन्होंने भगवान विष्णु और महादेव को खिलाया। इस शुभ दिन आंवले के पेड़ की पूजा करने से सुख-समृद्धि में वृद्धि होती है।