सरगुजा
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
मनेन्द्रगढ़, 6 नवम्बर। एमसीबी जिले के दूरस्थ वनांचल क्षेत्र जनकपुर के घनघोर जंगल में भालुओं और इंसानों के बीच अद्भुत प्रेम आकर्षण का केंद्र बना हुआ है। जंगल में स्थित कुटिया में भालुओं का पूरा परिवार रोजाना पहुंचता है और कुटिया में रहने वाले बाबा और बुजर्ग माँ के द्वारा दिए गए भोजन को खाकर जंगल की ओर चले जाता है।
ग्राम उचेहरा के समीप जंगल में राजामाड़ा नामक स्थान पर एक बाबा छोटी सी कुटिया बनाकर रहते हैं साथ ही एक उम्रदराज महिला भी रहती है। कुटिया में प्रतिदिन एक-दो नहीं भालुओं का पूरा कुनबा जब दस्तक देता है तो यहां का नजारा देखने लायक होता है। बाहर से यहां पर पहुंचने वालों की सांसें थम जाती हैं, लेकिन उस बाबा और बुजुर्ग माँ के लिए मानो तो कोई मेहमान उनके यहां पधारा हो और उनकी सेवाभाव में दोनों लग जाते हैं।
वे उन्हें सीताराम के नाम से पुकारते हैं। कुटिया में पहुंचकर जंगली भालू का परिवार चुपचाप दिए गए भोजन को ग्रहण करता है और माँ-बाबा के इशारे पर पुन: जंगल की तरफ चले जाता है। जंगल के जानवर और इंसानों के बीच यदि प्रेम का अद्भुत भाव देखना हो तो इससे बेहतर नजारा और कहीं नहीं मिल सकता है।