बस्तर

‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
जगदलपुर, 21 अक्टूबर। बस्तर जिला कांग्रेस कमेटी के शहर कांग्रेस अध्यक्ष ने सोमवार को राजीव भवन में पत्रवार्ता के दौरान मुख्यमंत्री श्री साय के शासन में धान खरीदी केंद्रों में अरबों रुपये के धान को सडऩे के लिए छोड़ देने की बात कहते हुए कहा कि पूर्ववर्ती सरकार में धान संग्रहण केंद्रों से मिलर्स तक पहुंचाने में अधिकतम समय फरवरी तक का लेते थे, आखिर यह सरकार और जिला प्रशासन के अधिकारी वर्षा ऋ तु से पूर्व नहीं निकाल पाए और बाद में भी निकालने में सरकार गंभीर नहीं है।
उन्होंने आरोप लगाते बताया किबस्तर जिले के दो धान संग्रहण केंद्र बिरिंगपाल और नियानार में अरबों रूपये का धान सडऩे छोड़ दिया गया। सरकार धान उठाओ में नीति और नियति स्पष्ट क्यों नहीं कर पा रही हैं, जिम्मेदार मुख्यमंत्री और विभागीय मंत्री और भाजपा नेता इस मामले पर चुप्पी क्यों साधे बैठी है। जनता के टैक्स के पैसों की बर्बादी यह सरकार कर रही है, वहीं दूसरी ओर सरकार 9 महीने में 3000 करोड़ का कर्ज ले बैठी हैं, और आगे और लेने की तैयारी है। सरकार धान बेच कर आर्थिक स्थिति में सुधार ला सकती है।
15 नवंबर से यह सरकार फिर से धान खरीदी प्रारम्भ करने जा रही है और पिछले साल की खरीदी गई धान अब तक उठाई नहीं गई हैं, यह सरकार लापरवाह सरकार है।
आगे आरोप लगाते बताया कि धान संग्रहण केंद्रों से अधिक मात्रा में धान चोरी किया जा चुका है, जिसका सत्यापन और उच्च स्तरीय जाँच होनी चाहिए। धान संग्रहण केंद्रों से मजदूरों से प्लास्टिक बोरा में भूसा भर कर धान सुरक्षित रखने हेतु स्टेग लगाने का कार्य किया जाता है, जिसमें बहुत बड़े पैमाने पर फर्जी बिल एवं मास्टरोल लगा कर शासकीय पैसे का बंदरबाट किया गया है, जिसमें अधिकारी की भूमिका संदिग्ध है।
धान संग्रहण केंद्र में अरबों रूपये का घोटाला हुआ है। बस्तर जिले में ही जिसकी जाँच करवा कर शासकीय धान के घोटाले के आरोपियों पर कड़ी कार्रवाई होनी चाहिए।